किस मुगल बादशाह के हरम में थीं सबसे ज्यादा औरतें, कैसे होता था इनका चुनाव?
Mughal Emperor Haram: मुगल दौर का हरम सिर्फ परदे के पीछे छिपी औरतों की दुनिया नहीं था, बल्कि साम्राज्य की ताकत और रुतबा बड़े पैमाने पर था. इन हरमों की चमक और रहस्य आज भी इतिहासकारों को आकर्षित करती है.

मुगलों के पुराने किले की दीवारों पर आज भी दर्ज उन राजों की परछाइयां दिखाई देती हैं, जिन्हें कभी आम लोगों की नजरों से दूर रखा गया था. माना जाता है कि मुगल बादशाहों के हरम सिर्फ ऐशो-आराम की जगहें नहीं थे, बल्कि सत्ता, राजनीति और रिश्तों के ऐसे जाल थे, जिनसे पूरे साम्राज्य की दिशा बदल जाती थी. लेकिन इनमें सबसे विशाल हरम किस बादशाह का था? और इन हरमों में औरतों का चुनाव आखिर होता कैसे था? आइए जानते हैं.
सबसे सुरक्षित हरम
मुगल इतिहास में हरम को लेकर जितनी कहानियां प्रचलित हैं, उनमें से ज्यादातर लोगों को सिर्फ इसके ऐशो-आराम वाले पहलू ही दिखाई देते हैं. पर असलियत इससे कहीं ज्यादा गहरी, सख्त और राजनीतिक थी. और इसी पूरे ढांचे के केंद्र में था मुगल बादशाह अकबर का हरम, मुगल काल का सबसे बड़ा, सबसे संगठित और सबसे सुरक्षित हरम कहा जाता था.
किसके हरम में सबसे ज्यादा औरतें
इतिहासकारों के अनुसार अकबर के हरम में लगभग 5,000 महिलाएं थीं. यह संख्या सिर्फ पत्नी या बेगमों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें दासियां, नर्तकियां, राजनीतिक कारणों से लाई गई महिलाएं, रिश्तेदार, महिला कर्मचारी, शिक्षिकाएं, संगीतकार, मालिश करने वाली, रसोइया, दर्जिन, राजनर्तकियां और यहां तक कि महिला सुरक्षाकर्मी भी शामिल थीं. यानी हरम एक ऐसा पूरा महिला शहर था, जिसमें अलग-अलग भूमिकाओं वाली हजारों महिलाएं रहती थीं.
कैसे होता था उन औरतों का चयन
हरम में शामिल होने वाली महिलाओं का चयन कई तरीकों से होता था, जैसे राजघरानों के बीच रिश्तेदारी मजबूत करने के लिए विवाह किया जाता था, जिससे राजनीतिक गठबंधन सुरक्षित रहता था. कई महिलाएं स्वेच्छा से मनोरंजन या सेवा वर्ग में शामिल होती थीं. कुछ महिलाएं युद्धों के दौरान बंदी बनकर आती थीं, हालांकि अकबर के समय ऐसे मामलों में इन्हें सामान्य जीवन और शिक्षा देने के भी उदाहरण मौजूद हैं. हर महिला को उसकी भूमिका के आधार पर अलग अलग रहने की जगह, सुविधाएं और सुरक्षा मिलती थी.
प्रशासनिक केंद्र था अकबर का हरम
अकबर का हरम सिर्फ आनंद या मनोरंजन का स्थान नहीं था. यह एक तरह का प्रशासनिक केंद्र था जहां से कई राजनीतिक फैसले प्रभावित होते थे. हरम की प्रमुख महिलाएं, जैसे अकबर की पसंदीदा बेगम रुकैया सुल्तान, जोधा बाई, और सलीमा सुल्तान महत्वपूर्ण नीतिगत चर्चाओं का हिस्सा रहती थीं. हरम की अपनी एक सख्त व्यवस्था और कानून भी थे, जिनका पालन करना अनिवार्य था.
हरम की सुरक्षा
हरम की सुरक्षा सबसे बड़े रहस्यों में से एक थी. इसके चारों तरफ कई घेरों में सुरक्षा तैनात रहती थी और सबसे अंदरूनी सुरक्षा में पुरुषों की जगह महिला सैनिक और किन्नर नियुक्त किए जाते थे. इससे यह सुनिश्चित होता था कि बाहरी दुनिया का कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति भीतर प्रवेश न कर सके. हरम का जीवन आम कल्पना से बिल्कुल अलग था. यहां रहने वाली महिलाएं संगीत, साहित्य, चित्रकला, प्रशासन, युद्धकला, भाषा और धर्म की शिक्षा लेती थीं. कई महिलाएं इतनी प्रभावशाली हो जाती थीं कि उनकी सलाह पर विदेशी नीतियां तक तय होती थीं.
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Source: IOCL
























