जाकिर नाइक भारत आया तो उसे क्या मिलेगी सजा? जानें किन धाराओं में है मामला दर्ज
Zakir Naik: अगर जाकिर नाइक वापस भारत लौटता है. तो लंबे समय तक के लिए जा सकता है जेल. जाने किन धाराओं के तहत है उस पर मामला दर्ज और कितनी हो सकती है सजा.
Zakir Naik: भारत का मोस्ट वांटेड जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में मेहनाननवाजी के मजे ले रहा है. साल 2016 में भारत से भगोड़ा घोषित किये गये जाकिर नाइक पर भारत में कई धाराओं में केस दर्ज है. और भारत की एजेंसियां उसे वापस भारत लाने के लिए काफी प्रयास कर रही हैं. साल 2016 में भारत छोड़ने के बाद उसने मलेशिया की नागरिकता ले ली थी. फिलहाल वह वहीं रहता है.
भारत का दुश्मन जाकिर नाइक पाकिस्तान का दोस्त बन चुका है. वह 28 दिनों के पाकिस्तान दौरे पर है. जाकिर नाइक पर 2016 में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है. अगर जाकिर नाइक वापस भारत लौटता है. तो लंबे समय तक के लिए जा सकता है जेल. जाने किन धाराओं के तहत है उस पर मामला दर्ज और कितनी हो सकती है सजा.
यूएपीए समेत इन धारआओं में है केस दर्ज
जाकिर नाइक भारत का मोस्ट वांटेड है. प्रवर्तन निदेशालय और नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने उसे वांटेड घोषित किया हुआ है. भारत में जाकिर नाइक पर भड़काऊ भाषण देना, मनी लॉन्ड्रिंग करना और आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसे आरोप है. जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन (आईआरएफ) पर साल 2016 में भारत सरकार ने बैन लगा दिया था.
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जाकिर नाइक के एनजीओ पर भारत सरकार ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है. साल 2017 में एनआईए ने भड़काऊ भाषण देने के लिए और युवाओं को उकसाने के लिए कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए भी जाकिर नाइक के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी. तो वहीं साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टेरर फंडिंग के मामले में जाकिर नाइक के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.
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हो सकती है उम्रकैद
जाकिर नायक पर यूएपीए के तहत केस दर्ज है. यूएपीए गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने में मदद करने के लिए लगाया जाता है. अगर कोई गैर कानूनी गतिविधि को बढ़ावा देता है या उसके लिए लोगों को उकसाता है. तो यूएपीए की धारा 13 के तहत उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है. अगर किसी आतंकवादी हमले में किसी की मौत हो जाती है. तो फिर ऐसे में आरोपी को उम्र कैद की सजा भी हो सकती है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा मनी लांड्रिंग के लिए भी अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है.
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