कब हुई थी फाइटर जेट की शुरुआत, जानिए पहली बार किस देश में मचाई थी तबाही
फाइटर जेट्स की शुरुआत 1930 के दशक से शुरु हुई थी. जर्मनी का Me 262 पहला फाइटर जेट था जिसने अपनी गति और उड़ान से सबको हैरत में डाल दिया था. 1944 में इस फाइटर जेट ने मित्र देशों के खिलाफ तबाही मचाई थी.

फाइटर जेट यानी लड़ाकू विमान ये ऐसे विमान होते हैं जो हवा में दुश्मन के विमानों को मार गिराने या जमीन पर ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाए जाते हैं. इनकी खासियत होती है तेज रफ्तार, फुर्ती और घातक हथियार. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फाइटर जेट की शुरुआत कब से हुई ? दुनिया के पहले फाइटर जेट को किस देश ने बनाया था? चलिए जानते हैं.
कब हुई थी फाइटर जेट बनाने की शुरुआत
फाइटर जेट के कहानी शुरू होती है 20वीं सदी में जब दुनिया ने पहली बार जेट इंजन की ताकत को देखा. दुनिया का पहला फाइटर जेट था मेसर्सचमिट Me 262, जिसे जर्मनी ने बनाया था. इसका निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान हुआ. Me 262 ने 1944 में पहली बार युद्ध के मैदान में उड़ान भरी थी. उस समय तक हवाई युद्ध में पिस्टन इंजन वाले विमान, जैसे स्पिटफायर और मिग-15 इस्तेमाल होते थे. लेकिन Me 262 ने जेट इंजन की ताकत से सबको हैरान कर दिया. इसकी रफ्तार 870 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो उस समय के बाकी विमानों से कहीं ज्यादा थी.
फाइटर जेट की ताकत से सब रह गए हैरान
Me 262 ने पहली बार 1944 में मित्र देशों (अमेरिका, ब्रिटेन और उनके सहयोगी) के खिलाफ युद्ध में हिस्सा लिया. जर्मनी ने इसे यूरोप के युद्धक्षेत्र में तैनात किया, खासकर ब्रिटेन और अमेरिका के बमवर्षक विमानों को निशाना बनाने के लिए. इसकी तेज रफ्तार और मशीन गनों ने मित्र देशों को हैरत में डाल दिया. यह विमान इतना तेज था कि दुश्मन के प्लेन इसका पीछा नहीं कर पाते थे. इसने हवाई युद्ध का तरीका ही बदल दिया.
कैसे बना पहला फाइटर जेट?
Me 262 की कहानी 1930 के दशक से शुरू होती है, जब जर्मन इंजीनियरों ने जेट इंजन पर काम शुरू किया. हालांकि, शुरुआत में इस विमान में कई खामियां थीं, जैसे इंजन का बार-बार खराब होना. लेकिन जर्मन इंजीनियरों ने मेहनत करके इसे बेहतर बनाया. Me 262 में दो जेट इंजन थे, जो इसे हवा में बाज की तरह उड़ने की ताकत देते थे.
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Source: IOCL
























