दिल्ली में आतंकी हमला हो जाए तो सबसे पहले कौन सी फोर्स आएगी? जान लीजिए जवाब
Terrorist Attack Force Protocol: अगर दिल्ली में कोई आतंकवादी हमला होता है. तो ऐसे में कौन सी फोर्स सबसे पहले आएगी क्या मालूम है आपको. नहीं पता तो फिर चलिए आपको बताते हैं.

Terrorist Attack Force Protocol: साल 2001 में दिल्ली में आतंकी हमला हुआ था. यह हमला दिल्ली की पार्लियामेंट पर किया गया था. 13 दिसंबर 2001 को हुए इस मामले में पांच जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकवादी मार गिराए गए थे. तो वहीं 6 दिल्ली के जवान शहीद हुए थे. और दो सांसद सुरक्षा सेवाकर्मी और एक माली की भी मौत हो गई थी.
उसके बाद से पूरे दिल्ली की सुरक्षा चाक चौबंद है. और दिल्ली में इस तरह का कोई आतंकी हमला नहीं हुआ है. लेकिन मान लीजिए अगर दिल्ली में कोई आतंकवादी हमला होता है. तो ऐसे में कौन सी फोर्स सबसे पहले आएगी, क्या मालूम है आपको. नहीं पता तो फिर चलिए आपको बताते हैं.
सबसे पहले आएगी यह फोर्स
अगर दिल्ली में कोई आतंकवादी हमला हो जाता है. तो सबसे पहले दिल्ली पुलिस उस स्थान पर पहुंचेगी जहां आतंकवादी हमले को अंजाम दिया गया है. आपको बता दें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को आतंकवादी विरोधी मामलों से निपटने के लिए खास तौर पर ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसे में दिल्ली पुलिस इलाके को घेर कर नाकाबंदी करती है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाती है और इनफॉरमेशन इकट्ठा करती है.
यह भी पढ़ें: भारत में क्यों और कैसे बनाया गया था राज्यपाल का पद? जानें क्या है इसकी अहमियत
इस मौके पर पहले आएगी NSG
लेकिन अगर कोई हमला बड़े पैमाने पर होता है. जिस तरह मुंबई में 26/11 हमला हुआ था. तो नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानि एनएसजी को बुलाया जाता है. आपको बता दें एनएसजी भारत की मुख्य काउंटर टेररिज्म फोर्स है. जो कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंडर काम करती है. एनएसजी कमांडो को तुरंत एयरलिफ्ट करके ऑपरेशन शुरू किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: RSS पर लगता है मनुस्मृति को मानने का आरोप, जानें इसे किसने लिखा था और क्यों है इतना विवाद
यह फोर्स भी घटनास्थल पर पहुंचती है
इसके अलावा अगर बात की जाए. हमले की जांच की जिम्मेदारी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए को दी जाती है. जो कि भारत में सभी आतंकी हमलों की जांच करती है. हमला किसी आतंकवादी संगठन ने करवाया है जिसके तार विदेश से जुड़े हों, तो इसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एनालिसिस एजेंसी (R&AW) के अफसर भी मौजूद होते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर पैरा मिलिट्री फोर्सेसे की स्पेशल यूनिट्स को भी अलर्ट पर रखा जाता है.
यह भी पढ़ें: बन रही है हवा में लटकती हुई बिल्डिंग, बुर्ज खलीफा से कई गुना ज्यादा होगी लंबाई
टॉप हेडलाइंस

