UP BJP President: पंकज चौधरी से पहले कितने कुर्मी नेता बन चुके हैं यूपी बीजेपी के अध्यक्ष, देख लीजिए पूरी लिस्ट
UP BJP President: केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी यूपी बीजेपी अध्यक्ष बन चुके हैं. इसी बीच आइए जानते हैं अब तक कुर्मी समुदाय के कितने नेता इस पद को संभाल चुके हैं.

UP BJP President: भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश का नया प्रदेश अध्यक्ष मिल चुका है. केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी की नियुक्ति हो चुकी है. औपचारिक घोषणा 14 दिसंबर यानी कि आज की गयी. इसी के साथ एक दिलचस्प राजनीतिक सवाल फिर से लोगों के बीच उठ रहा है कि उनसे पहले कुर्मी समुदाय के कितने नेताओं ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष का पद संभाला. आइए जानते हैं क्या है इस सवाल का जवाब.
चौथे कुर्मी यूपी बीजेपी अध्यक्ष
औपचारिक घोषणा होने के बाद पंकज चौधरी 1980 में पार्टी के गठन के बाद से उत्तर प्रदेश भाजपा के 16वें अध्यक्ष बन चुके हैं. इससे भी जरूरी बात यह है कि वह इस शक्तिशाली संगठनात्मक पद को संभालने वाले कुर्मी समुदाय के चौथे नेता हैं.
उत्तर प्रदेश भाजपा नेतृत्व में कुर्मी समुदाय की लीडरशिप
भाजपा के 45 साल के इतिहास में कुर्मी नेता यूपी बीजेपी अध्यक्ष के पद पर सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व करने वाले समुदायों में से एक के रूप में उभरे हैं. ये ब्राह्मणों के बाद दूसरे स्थान पर हैं.
उत्तर प्रदेश भाजपा का नेतृत्व करने वाले पहले कुर्मी
ओमप्रकाश सिंह उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बनने वाले पहले कुर्मी नेता थे. उन्होंने जनवरी 2000 में कार्यभार संभाला और अगस्त 2000 तक पद पर रहे. उन्होंने सात बार विधायक के रूप में काम किया और राज्य सरकार में कैबिनेट पदों पर भी रहे. हालांकि आपको बता दें कि उनका कार्यकाल सिर्फ लगभग 7 महीने तक चला.
विनय कटियार प्रमुख कुर्मी नेताओं में से एक
विनय कटियार जून 2002 में यूपी बीजेपी अध्यक्ष बने और जुलाई 2004 तक इस पद पर रहे. वे भाजपा के सबसे प्रमुख कुर्मी नेताओं में से एक थे और राम जन्मभूमि आंदोलन में जाना माना चेहरा थे. उनका कार्यकाल राजनीतिक रूप से एक बड़े दौर के साथ मेल खाता था जिसमें 2004 के लोकसभा चुनाव भी शामिल थे.
स्वतंत्र देव सिंह
स्वतंत्र देव सिंह यूपी बीजेपी अध्यक्ष का पद संभालने वाले तीसरे कुर्मी नेता थे. उन्होंने जुलाई 2019 से अगस्त 2022 तक इस पद को संभाल. उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में एक बड़ी जीत हासिल की और पूरे बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की. पद को छोड़ने के बाद उन्हें योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में शामिल किया गया. पंकज चौधरी की पदोन्नति को भविष्य के चुनावों से पहले बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. उनका निर्विरोध चुनाव मजबूत आंतरिक सहमति का संकेत दे रहा है.
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Source: IOCL
























