25 साल पहले जब साउथ अफ्रीका से हारा था भारत, तब हुआ था बड़ा बवाल, जानें पूरा मामला
साल 2000 के मैच फिक्सिंग स्कैंडल ने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया. हैंसी क्रोन्ये और भारतीय खिलाड़ियों के नाम सामने आए. मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा, मनोज प्रभाकर पर प्रतिबंध लगा.

भारत के दौरे पर आई दक्षिण अफ्रीका की टीम ने नवंबर के दौरान हुई टेस्ट सीरीज में इतिहास रच दिया और टीम इंडिया को 2-0 से रौंदकर क्लीन स्वीप किया. इस करारी हार ने 25 साल पुरानी उस हार के घाव भी ताजे कर दिए, जब दक्षिण अफ्रीका की टीम ने भारत को 2-0 से हराया था. हालांकि, उस हार के बाद मैच फिक्सिंग की बात सामने आई थी, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. यह बात है अप्रैल 2000 की, जब भारत और साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम पर मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप लगे. आइए आपको पूरे मामले से रूबरू कराते हैं.
मैच फिक्सिंग स्कैंडल की शुरुआत कैसे हुई?
साल 2000 में दिल्ली पुलिस ने अपनी रूटीन सुरक्षा जांच के दौरान एक संदिग्ध फोन कॉल टेप किया. यह कॉल दक्षिण अफ्रीका के उस समय के कप्तान हैंसी क्रोन्ये (Hansie Cronje) और एक बुकी के बीच हुई बातचीत का था. जब पुलिस ने इस बातचीत को रिकॉर्ड किया तो मैच फिक्सिंग का खुलासा हुआ. कॉल में साफ जानकारी मिली कि कैसे खिलाड़ी पैसे लेकर तय तरीके से खेलेंगे, जितना स्कोर सेट किया गया है उतने रन बनाएंगे, और टीम की रणनीति क्या होगी. दिल्ली पुलिस ने जब यह रिकॉर्डिंग सार्वजनिक की, तो इस खुलासे के बाद ICC और सभी राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्डों ने भ्रष्टाचार विरोधी नियमों को और सख्त करने का फैसला किया.
शुरुआत में हैंसी क्रोन्ये ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन बाद में उन्होंने माना कि उन्होंने बुकी से पैसे लेकर मैच फिक्सिंग की. इस कबूलनामे के बाद उन्हें आजीवन क्रिकेट से बैन कर दिया गया. साल 2002 में हैंसी क्रोन्ये की मौत प्लेन क्रैश में हो गई.
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किन भारतीय खिलाड़ियों के नाम सामने आए?
जैसे-जैसे नए खुलासे होते गए, भारतीय क्रिकेट टीम भी शक के घेरे में आ गई. मामला CBI को सौंपा गया, जिसमें कई भारतीय खिलाड़ियों के नाम सामने आए. इनमें अजय जडेजा, मोहम्मद अजहरुद्दीन, मनोज प्रभाकर और अजय शर्मा शामिल थे. इतने बड़े खिलाड़ियों के नाम सामने आने से क्रिकेट फैंस हैरान रह गए.
जांच के बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय शर्मा को आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया. वहीं अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर पर पांच-पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया. हालांकि सभी खिलाड़ियों पर क्रिकेट खेलने का प्रतिबंध तो लगाया गया, लेकिन कानूनी केस दर्ज नहीं हुआ.
क्रिकेट नियमों में क्या बदलाव हुए?
खिलाड़ियों पर सख्त निगरानी: मैच या टूर्नामेंट के दौरान उनकी मूवमेंट और संदिग्ध कॉल्स पर नजर रखी जाने लगी.
टीम होटल्स की सुरक्षा बढ़ाई गई: संदिग्ध व्यक्तियों और बुकीज की एंट्री पर रोक लगी. टीम को अलग फ्लोर और मजबूत सर्विलांस दिया गया.
बुकीज़ से कोई संपर्क नहीं: खिलाड़ियों को साफ निर्देश दिए गए कि वे किसी भी सट्टेबाज या बुकी से संपर्क नहीं करेंगे.
ICC Anti-Corruption Unit (ACU): जो खिलाड़ियों, टीम और मैनेजमेंट पर कड़ी निगरानी रखती है ताकि मैच फिक्सिंग जैसे अपराध फिर न हों.
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Source: IOCL























