सिनेमाघरों को खोले जाने की इजाजत नहीं दिये जाने पर मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने जताई नाराजगी
एसोसिएशन ने तमाम सावधानियां बरतने का वादा करने से संबंधित बयान जारी कर मल्टीप्लेक्सों और बाकी सिनेमाघरों को खोले जाने की मांग की है.

मुम्बई: देशभर में लॉकडाउन लागू किये जाने से पहले ही कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए तमाम सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया था. सिनेमा के प्रदर्शनों से बॉक्स ऑफिस पर सिंगल स्क्रीन्स से ज्यादा योगदान मल्टीप्लेक्सों का होता है. ऐसे में लॉकडाउन में फिर से ढील दिये जाने के बावजूद भी मल्टीप्लेक्सों को शुरू नहीं किये जाने और फिल्मों को रिलीज करने की इजाजत नहीं दिये जाने से मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अपनी नाराजगी जाहिर की है.
FICCI के तहत आनेवाले मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी किये गये एक बयान में कहा गया कि ऐसे समय में जब घरेलू उड़ानों, ऑफिसों, बाजारों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों आदि को खोलने की इजाजत दे दी गयी है, ऐसे में मल्टिप्लेक्सों और सिंगल स्क्रीन सिनेमाओं पर जारी प्रतिबंध से वे काफी निराश हैं. बयान में आगे कहा गया है कि इजाजत मिले तो सिनेमाघर एक सुनियोजित तरीके से सोशल डिस्टांसिंग और भीड़ को नियंत्रित किये जाने की बेहतरीन मिसाल बनकर सामने आ सकते हैं.
इस बयान में बताया गया कि मल्टीप्लेक्स इंडस्ट्री सीधे तौर पर 2 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराती है और फिल्मों के कुल कारोबार में अपरोक्ष रूप से उसका योगदान 60% होता है. एसोसिएशन का कहना है कि मल्टीप्लेक्स इंडस्ट्री एक सुनियोजित ढंग से चलाई जानेवाले इंडस्ट्री है और अनियोजित तरीके से चलाई जानेवाली बाकी कई इंडस्ट्री से बनिस्बत वो ज्यादा सावधानियां बरतेंगे.
एसोसिएशन का कहना है भारतीय सिनेमा स्पॉटबॉय, मेक-अप आर्टिस्ट, म्यूजिशियन, डिजाइनर तकनीशियन, इंजीनियर से लेकर तमाम कलाकारों को मिला दिया जाए फिल्म इंडस्ट्री तकरीबन 10 लाख लोगों के रोजगार का जरिया है और अगर सिनेमाघर इसी तरह से बंद रहे तो फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों की आर्थिक दिक्कते यूं ही जारी रहेंगी. एसोसिशन के मुताबिक, सिनेमाघरों के बंद होने से उन्हें रोज़ाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है, जिसका हल ढूंढा जाना जरूरी है. एसोसिएशन का कहना है कि अगर सिनेमाघर खुल भी जाए, तो भी हालात को सामान्य होने में कम से कम 3-6 महीने का वक्त लगेगा क्योंकि मौजूदा वातावरण में आशंकित लोगों को सिनेमाघरों में लौटने में समय लगेगा.
एसोसिएशन ने अपने बयान में कोरोना काल में अमेरिका, फ्रांस, इटली, स्पेन, ऑस्ट्रिया, हांगकांग, मलयेशिया, यूएई, बेल्जियम जैसों देशों में सिनेमाघरों के खोले जाने का भी उदाहरण दिया गया है.
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