लेखपाल को कितनी मिलती है सैलरी, 8वें वेतन आयोग से यह कितनी बढ़ेगी?
Education News: लेखपाल का मुख्य कार्य राजस्व विभाग की तरफ से जमीन का रिकॉर्ड संभालना, नक्शा और खसरा अपडेट करना और सरकारी योजनाओं के लिए जमीन की पहचान करना होता है.

सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं में लेखपाल का पद बेहद लोकप्रिय है. गांव-कस्बों से लेकर तहसील स्तर तक इस पद की अहमियत सिर्फ जमीन-जायदाद की जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों के जीवन से सीधे जुड़ा प्रशासनिक चेहरा भी है. ऐसे में अक्सर लोग जानना चाहते हैं कि आखिर लेखपाल को कितनी सैलरी मिलती है और आने वाले समय में जब 8वां वेतन आयोग लागू होगा तो यह सैलरी कितनी बढ़ेगी?
आपको बता दें कि लेखपाल भारत की राजस्व प्रणाली का एक अहम हिस्सा होता है. ये पद ज्यादातर ग्राम स्तर पर कार्य करता है और जमीन-जायदाद से जुड़ी सरकारी गतिविधियों में उसकी सीधी भूमिका होती है. लेखपाल का मुख्य कार्य राजस्व विभाग की तरफ से जमीन का रिकॉर्ड संभालना, नक्शा और खसरा अपडेट करना, और सरकारी योजनाओं के लिए जमीन की पहचान करना होता है.
कितनी मिलती है लेखपाल को सैलरी
वर्तमान में लेखपाल को 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह पद लेवल-1 पे-बैंड में आता है. इस आधार पर लेखपाल की बेसिक सैलरी करीब 21,700 रुपये है. हालांकि इसमें डीए (महंगाई भत्ता), एचआरए (मकान किराया भत्ता), टीए (यात्रा भत्ता) और अन्य सरकारी लाभ जुड़कर यह सैलरी बढ़ जाती है. कुल मिलाकर, एक लेखपाल को हर महीने औसतन 30,000 से 35,000 रुपये तक इन-हैंड सैलरी मिलती है. अनुभव और स्थान के आधार पर यह राशि थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकती है.
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8वें वेतन आयोग के बाद आ सकते हैं ये बदलाव
अब बात करें 8वें वेतन आयोग की तो इसकी सिफारिशें वर्ष 2026 से लागू हो सकती हैं. अगर सरकार फिटमेंट फैक्टर को 2.5 या उससे ऊपर तय करती है, तो लेखपाल की बेसिक सैलरी में भारी बढ़ोतरी संभव है. उदाहरण के लिए, अगर किसी लेखपाल की वर्तमान बेसिक 21,700 है, तो यह बढ़कर 54,250 से 57,000 के आसपास पहुंच सकती है. इसका सीधा असर अन्य भत्तों पर भी पड़ेगा, जिससे कुल सैलरी में 25% से लेकर 35% तक की बढ़ोतरी संभव है. इसके अलावा, पेंशन और पीएफ जैसी सुविधाएं भी नए सैलरी स्ट्रक्चर के अनुसार री-कैलकुलेट होंगी, जिससे नौकरी छोड़ने के बाद मिलने वाले लाभ भी अधिक हो जाएंगे. कुल मिलाकर, यदि 8वां वेतन आयोग समय पर लागू होता है तो लेखपाल जैसे ग्राउंड लेवल पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और बेहतर हो सकती है.
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Source: IOCL