CBSE ने जारी की 10वीं बोर्ड परीक्षा की मार्किंग गाइडलाइन, अब नहीं होंगी इंटरनल मार्क्स में गलतियां
CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा देने वाले सभी छात्रों के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इसमें सभी विषयों के 100 अंकों का पूरा विभाजन साफ कर दिया गया है.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने आगामी 2026 की 10वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक अहम नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में अलग-अलग विषयों के लिए थ्योरी, प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट यानी IA के अंकों का पूरा पैटर्न साफ-साफ बताया गया है. नए सत्र में पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह नोटिस बेहद उपयोगी है, क्योंकि इससे अब यह स्पष्ट हो गया है कि किस विषय में किस तरह से 100 अंकों का विभाजन किया जाएगा और किस हिस्से पर कितना ध्यान देना जरूरी है.
CBSE के अनुसार हर साल कई स्कूल प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट या इंटरनल असेसमेंट के अंकों को अपलोड करते समय गलतियां कर देते हैं. स्कूलों की इन गलतियों के कारण छात्रों की फाइनल मार्कशीट प्रभावित होती है और बाद में स्कूल सुधार करवाने की गुहार लगाते हैं. इस बार बोर्ड ने शुरू से ही स्पष्ट नियम जारी करते हुए चेताया है कि स्कूल किसी भी तरह की गलती से बचें, क्योंकि बाद में सुधार करने का मौका नहीं मिलेगा.
बोर्ड ने कहा है कि स्कूल इस नोटिस को ध्यान से पढ़ें और सभी निर्देशों का कठोरता से पालन करें. साथ ही हर उस विषय की लिस्ट भी जारी की गई है जिसमें थ्योरी, प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट के अलग-अलग मार्क्स की जानकारी दी गई है.
मार्क्स डिस्ट्रीब्यूशन: 100 अंकों का पूरा हिसाब
नोटिस के अनुसार सभी विषयों के 100 अंकों को चार हिस्सों में बांटा गया है. थ्योरी, प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट. हर विषय में चारों सेक्शन का वेटेज अलग है, और यह वही विवरण है जिसे बोर्ड ने इस बार विशेष रूप से उजागर किया है ताकि स्टूडेंट्स अपनी तैयारी उसी के अनुसार कर सकें.
यह जानकारी छात्रों के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अगर किसी विषय में प्रैक्टिकल का वेटेज ज्यादा है तो तैयारी का तरीका भी बदल जाता है. वहीं मैप वर्क, लैब वर्क, मॉडल, मौखिक परीक्षा और गतिविधियों पर आधारित अंकों का महत्व भी बढ़ जाता है.
CBSE की चेतावनी
बोर्ड ने साफ तौर पर कहा है कि कई स्कूल अंकों को अपलोड करते समय जल्दबाजी या अनदेखी कर देते हैं, जिसके कारण गलतियां हो जाती हैं. इस बार बोर्ड ने पहले ही निर्देश जारी कर दिया है कि स्कूल किसी भी तरह की गलती से बचें, क्योंकि बाद में मार्क्स सुधारने का कोई विकल्प नहीं दिया जाएगा.
बोर्ड का यह भी कहना है कि हर विषय के लिए बाहरी परीक्षक लगाया जाएगा या नहीं, यह भी इस सूची में बताया गया है. कुछ विषयों के प्रैक्टिकल बोर्ड द्वारा दिए गए उत्तर-पुस्तिका (answer sheet) में होंगे, तो कुछ में स्कूल खुद की कॉपियां इस्तेमाल करेंगे.
छात्रों के लिए क्यों जरूरी है यह नोटिस?
कई बार छात्र केवल थ्योरी पर ध्यान देते हैं और इंटरनल असेसमेंट के अंकों को हल्के में ले लेते हैं. जबकि कई विषयों में IA के 20 से 30 अंक तक होते हैं, जो फाइनल रिजल्ट पर बेहतरीन असर डालते हैं. इसके अलावा प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल भी कुल अंकों का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
अगर छात्रों को पहले से पता हो कि किस विषय में कितना वेटेज दिया गया है, तो वे अपनी तैयारी को संतुलित कर सकते हैं और साल भर अच्छे नंबरों की प्लानिंग कर सकते हैं.
नया सिलेबस और सैंपल पेपर भी कर दिए गए जारी
मार्क्स वितरण के साथ-साथ CBSE ने साल 2025–26 का पूरा सिलेबस भी जारी कर दिया है. यह सिलेबस 10वीं बोर्ड परीक्षा की पूरी तैयारी का आधार है. बोर्ड की ओर से जारी किए गए सैंपल पेपर्स भी अब उपलब्ध हैं, जिनमें न सिर्फ सवालों का स्तर बल्कि मार्किंग स्कीम भी दी गई है. छात्र इन मॉडल पेपर्स को हल करके अपनी तैयारी का अंदाजा लगा सकते हैं. सिलेबस और सैंपल पेपर्स दोनों ही इस सत्र में बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन्हीं के आधार पर बोर्ड परीक्षा के सवाल तैयार किए जाएंगे.
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Source: IOCL
























