एक्सप्लोरर

पहलवानों का धरना-प्रदर्शन अब होने लगे राजनीति से प्रेरित, यौन उत्पीड़न के लगाए आरोपों पर उठ रहे सवाल

जंतर-मंतर पर पिछले छह दिनों से विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित कई पहलवानों का धरना जारी है. इन्होंने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर सेक्सुअल हरैमसेंट का आरोप लगाया है और सरकार पर अपने वादे से मुकरने का भी आरोप लगा रहे हैं. इससे पहले जनवरी में जब ये धरने पर पहली बार बैठे थे, तो सरकार ने खेल मंत्रालय की एक ओवरसाइट कमेटी बनाई थी. इसके साथ ही आइओए यानी इंडियन ओलंपिक असोसिएशन ने भी एक कमेटी जांच के लिए बनाई. दोनों कमेटी की रिपोर्ट आ गई है और खिलाड़ी उसे सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. आज पहलवानों ने बृजभूषण सिंह जिन मामलों में आरोपित हैं, उनकी भी सूची जंतर-मंतर पर टांग दी हैं. वह कुल 38 मामलों में आरोपित हैं. 

सरकार ने पहलवानों को नहीं छोड़ा

यह कहना गलत होगा कि सरकार ने पहलवानों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में हैं. जंतर-मंतर पर जो पहलवान बैठे हैं, उनसे मिलने SAI यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डिप्टी डीजी शिवकुमार तो कोलकाता से मिलने दूसरे ही दिन आ गए थे. वह पहलवानों से मिले. उन्होंने कहा भी कि पहलवानों ने जांच मांगी थी और उनकी भावनाओं का ख्याल रखते हुए ही दो-दो कमेटियां बनीं. उसमें योगेश्वर दत्त, मैरीकॉम से लेकर आपकी प्रतिनिधि बबीता फोगाट तक शामिल थीं. ऐसे 12 लोग थे कमेटी में. अब अगर उन पर ही पहलवानों को भरोसा नहीं, तो फिर कैसे जांच करवाई जाए? जहां तक बबीता फोगाट के जबरन रिपोर्ट पर साइन करने की बात है या उनको अंधेरे में रखकर हस्ताक्षर करवाने की बात है तो एक बात जान लीजिए. बबीता 56-60 किलोवर्ग की विश्व चैंपियन पहलवान हैं. उनसे किसने और कैसे जबर्दस्ती कर ली? अगर बिना पढ़े उन्होंने डॉक्यूमेंट साइन किए तो यह तो बहुत ही हास्यास्पद है. क्या बबीता बिना देखे किसी भी कागज पर साइन कर देती हैं? वह तो वैसे भी जांच कमेटी की सदस्य थीं. पूरी की पूरी जांच कैमरे में हुई है. जो जानकारी छन कर आ रही है, उसमें 90 फीसदी प्रश्न तो बबीता ने खुद ही पूछे हैं. सवाल यह है कि आप खुद की कमेटी को ही कैसे नकार सकते हैं? 

सरकार को 5 अप्रैल को रिपोर्ट मिली है. सरकार क्या उस रिपोर्ट का अध्ययन करेगी, लीगल ओपिनियन लेगी, चार लोगों को पढ़वाएगी-लिखवाएगी कि नहीं? फिर, इस जल्दबाजी की तुक क्या है? जो रिपोर्ट चार हफ्ते में देनी थी, वह तीन महीने में दी गई न. तो, जब पहलवानों ने तीन महीने तक इंतजार किया तो दो हफ्ते और कर लेते. एक और बात जो छन कर आई है, वह ये है कि सबसे बड़ा असहयोग तो इन खिलाड़ियों की तरफ से था, जो आज धरने पर बैठे हैं. खुद बबीता फोगाट 10 बार बुलाने पर एक बार हाजिर हुईं. तब उनके साइन हुए हैं. वह तो अपना फोन ही बंद कर बैठ गई थीं. ऐसा राधिका श्रीमान और योगेश्वर दत्त ने बताया है. तो ये जो विश्वस्तर के खिलाड़ी हैं, ये सब झूठे हैं? 

सेक्सुअल हरैसमेंट के ये आरोप सुन कोई भी हंसेगा

अच्छा, क्या कारण है कि पीटी उषा ने ये बयान दिया कि ये धरना-प्रदर्शन शर्मनाक है, क्या कारण है कि योगेश्वर दत्त भी इन पहलवानों के अचानक दुश्मन बन गए हैं? इसका कारण यह है कि पीटी उषा को आइओए (IOA) की जांच कमेटी वालों ने बताया होगा कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उनके पीछे तथ्य नहीं हैं, वे निराधार हैं. 12 लड़कियां पेश हुई थीं. या शायद उससेे भी कुछ ज्यादा. किसी ने भी सेक्सुअल हरैसमेंट का आरोप नहीं लगाया है. किसी ने फोटो खींचने का आरोप लगाया है कि जी, कंधे पर हाथ रखकर फोटो खिंचाया, तो किसी का आरोप है कि जब वह मैच जीतीं तो मैट पर से उतरने पर इन्होंने (यानी बृजभूषण ने) उसे गले लगा लिया. विनेश फोगाट गलतबयानी करती दिख चुकी हैं. उन्होंने कहा कि 2015 में तुर्किए में उनके साथ सेक्सुलअल हरैसमेंट हुआ. बृजभूषण सिंह ने रिकॉर्ड देखकर बताया कि 2015 में वह तुर्किए गई नहीं थीं. फिर, विनेश ने कहा कि घटना मंगोलिया में हुई थी. तो, अध्यक्ष का जवाब था कि 2016 में वह मंगोलिया नहीं गए थे. 5 लड़कियों ने कहा कि अध्यक्ष यानी बृजभूषण सिंह ने उनके फोन नंब मांगे थे. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास बृजभूषण सिंह का कभी फोन नहीं आया था. 

आप बताइए कि ये सब सेक्सुअल हरैसमेंट है? कंधे पर हाथ रखकर फोटो खिंचवाना, फोन नंबर मांग लेना, गले लगाना. ये सब आरोप हैं इनके. जबकि ये लड़कियां कुश्ती खेलती हैं. बॉडी टच का खेल है. पुरुषों के साथ प्रैक्टिस करती हैं. कुश्ती तो पूरे बॉडी कान्टैक्ट का खेल है न. अब सरकार इनमें से किस अपराध के लिए बृजभूषण सिंह को फांसी पर चढ़ा दे? 

समर्थन कुछ ने अनजाने में, कुछ ने राजनीति के लिए किया

नीरज चोपड़ा हमारे ओलंपियन हैं, उन्होंने अगर पहलवानों के समर्थन में लिखा है, तो प्रथमदृष्टया उनको जो दिखा, वह देखकर लिख दिया. इमोशनल होकर लिखा. उन्होंने रिपोर्ट नहीं देखी है. एक रिपोर्ट यह भी आ रही है कि कपिल देव ने भी समर्थन किया है. उनके साथ भी यही बात है. जो कोई भी रिपोर्ट के बारे में कुछ जान जाएगा, वह तो फिर सच्चाई के करीब होगा न. केवल इमोशनल होकर नहीं देखेगा. यह बात बिल्कुल सही है कि पहलवानों के इस तरह जंतर-मंतर पर बैठने से देश की छवि धूमिल हो रही है, पर अब तो यह राजनीतिक मसला है. खाप पंचायतें आजकल पॉलिटिकल बॉडीज हैं, यह कौन नहीं जानता है? इस पूरे प्रकरण को भूपेंद्र हुड्डा, उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा और उनका पूरा राजनीतिक तंत्र डील कर रहा है. जो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, वह भूपेंद्र हुड्डा के वकील नरेंद्र हुड्डा ने फाइल की है. कपिल सिब्बल जैसे वकील जिनकी फीस लाखों में हैं, वह दो बार सुप्रीम कोर्ट में इनकी तरफ से पेश हो चुके हैं. भूपेंद्र हुड्डा खुद धरनास्थल पर पहुंच कर, भाषण देकर इन पहलवानों को समर्थन दे चुके हैं. तो, अब यह मामला पूरा पॉलिटिकल है, जिसमें अब कांग्रेस खुलकर खेल रही है. 

पहली बार के धरने में इन पहलवानों ने बिल्कुल मना किया था कि कोई राजनैतिक व्यक्ति नहीं आएगा, लेकिन इस बार तो ये रो-गाकर खुद बुला रहे हैं. सब आए भी. बस, कोई एक भी बड़ा पहलवान नहीं आया. एशियन चैंपियनशिप में गए 30 पहलवानों में कोई नहीं आया. अयोध्या में नेशनल चैंपियनशिप और दो ओपन रैंकिंग टूर्नामेंट हुए. उसमें से कोई भी समर्थन देने नहीं आया. इस धरने का मुख्य मकसद कुश्ती महासंघ पर काबिज होने के साथ ही आने वाले हरियाणा चुनाव और लोकसभा चुनाव को भी प्रभावित करने की हुड्डा परिवार की कोशिश है. 

बृजभूषण सिंह नहीं बन सकते अध्यक्ष 

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष तो बृजभूषण सिंह वैसे भी नहीं बन सकते, क्योंकि उनके तीन टर्म पूरे हो चुके हैं. हां, जो चुनाव होता है, उसमें स्टेट बॉडीज चुनती हैं और उन पर इनका प्रभाव है, तो ये जरूर है कि वह नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं. दूसरे, आइओए ने चुनाव टाले नहीं हैं, बस एक कमेटी बनाई है जो चुनाव कराएगी. आम परिस्थिति में एक्ज्क्यूटिव बॉडी ही चुनाव कराती है, लेकिन इस बार आइओए ने चुनाव कराने के लिए एक कमेटी बना दी है. 

यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह केवल महावीर फोगाट परिवार का विद्रोह है और उनके साथ बस साक्षी मलिक जुड़ गई हैं. जहां तक बजरंग पूनिया के यह कहने की बात है कि खेलमंत्री मीटिंग में केवल तीन-चार मिनट बैठते थे, तो यह भी हंसी की बात है. हमें तो इतना मालूम है कि पिछली बार जब पहलवान धरने पर बैठे थे, तो पहले दिन रात 11 बजे और दूसरे दिन रात 2 बजे तक खेलमंत्री के निवास पर पहलवानों की मीटिंग हुई. दोनों ही दिन इनको डिनर भी मंत्रीजी ने करवाया. अब उसमें कौन बात करता था, क्या बात करता था, ये तो वही लोग बताएंगे, लेकिन सवाल तो यह है कि जब मंत्री बात ही नहीं कर रहे थे, तो आपलोग कर क्या रहे थे? 

सरकार का मतलब केवल मंत्री अनुराग ठाकुर नहीं होता है, पूरा खेल मंत्रालय होता है. अगर कोई अधिकारी बात करता है, मंत्रालय का वरिष्ठ नौकरशाह बात कर रहा है, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का बड़ा अधिकारी अगर बात कर रहा है, तो वह भी तो सरकार ही बात कर रही है न. यह तो दुराग्रह है औऱ मेरा मानना है कि दुराग्रह से बात बनती नहीं, बिगड़ जाती है.  

(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है) 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

इंडिगो संकट मामले को लेकर सरकार सख्त, DGCA ने CEO को भेजा शो-कॉज नोटिस, गठित हुई कमेटी
इंडिगो संकट मामले को लेकर सरकार सख्त, DGCA ने CEO को भेजा शो-कॉज नोटिस, गठित हुई कमेटी
राजस्थान: राव सूरजमल की प्रतिमा तोड़ने पर सियासत गरमाई, पूर्व मंत्री खाचरियावास ने भी दिया बयान
राजस्थान: राव सूरजमल की प्रतिमा तोड़ने पर सियासत गरमाई, पूर्व मंत्री खाचरियावास ने भी दिया बयान
शादी के बंधन में बंधीं बिग बॉस 9 फेम रूपल त्यागी, प्राइवेट सेरेमनी में रचाया ब्याह
शादी के बंधन में बंधीं बिग बॉस 9 फेम रूपल त्यागी, प्राइवेट सेरेमनी में रचाया ब्याह
Watch: सिंहाचलम मन्दिर पहुंचे विराट कोहली, POTS अवार्ड जीतकर लिया भगवान विष्णु का आशीर्वाद
Watch: सिंहाचलम मन्दिर पहुंचे विराट कोहली, POTS अवार्ड जीतकर लिया भगवान विष्णु का आशीर्वाद
ABP Premium

वीडियोज

Goa Nightclub Fire: गोवा नाइट क्लब में जिस वक्त लगी आग उस वक्त का लाइव वीडियो आया सामने
IPO Alert: Methodhub Software IPO में Invest करने से पहले जानें GMP, Price Band| Paisa Live
Kolkata में आज एकसाथ 5 लाख लोग करेंगे गीता पाठ, Dhirendra Shashtri -Ramdev होंगे शामिल
रुपया Vs dollar :Nirmala Sitharaman का बड़ा बयान—जल्द दिखेगी recovery | Paisa Live
Repo Rate में कटौती + 1 लाख करोड़ OMO खरीद | RBI Governor का बड़ा बयान | Paisa Live

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
इंडिगो संकट मामले को लेकर सरकार सख्त, DGCA ने CEO को भेजा शो-कॉज नोटिस, गठित हुई कमेटी
इंडिगो संकट मामले को लेकर सरकार सख्त, DGCA ने CEO को भेजा शो-कॉज नोटिस, गठित हुई कमेटी
राजस्थान: राव सूरजमल की प्रतिमा तोड़ने पर सियासत गरमाई, पूर्व मंत्री खाचरियावास ने भी दिया बयान
राजस्थान: राव सूरजमल की प्रतिमा तोड़ने पर सियासत गरमाई, पूर्व मंत्री खाचरियावास ने भी दिया बयान
शादी के बंधन में बंधीं बिग बॉस 9 फेम रूपल त्यागी, प्राइवेट सेरेमनी में रचाया ब्याह
शादी के बंधन में बंधीं बिग बॉस 9 फेम रूपल त्यागी, प्राइवेट सेरेमनी में रचाया ब्याह
Watch: सिंहाचलम मन्दिर पहुंचे विराट कोहली, POTS अवार्ड जीतकर लिया भगवान विष्णु का आशीर्वाद
Watch: सिंहाचलम मन्दिर पहुंचे विराट कोहली, POTS अवार्ड जीतकर लिया भगवान विष्णु का आशीर्वाद
Watch: गोवा के नाइटक्लब में आग ने 25 लोगों की ले ली जान! हादसे का भयानक वीडियो आया सामने
गोवा के नाइटक्लब में आग ने 25 लोगों की ले ली जान! हादसे का भयानक वीडियो आया सामने
स्पेशल 26 स्टाइल में उड़ाया करोड़ों का सोना, दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे में 5 लोग किए गिरफ्तार
स्पेशल 26 स्टाइल में उड़ाया करोड़ों का सोना, दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे में 5 लोग किए गिरफ्तार
कार के शीशे में सिर्फ इन लोगों है ब्लैक-फिल्म लगाने की छूट, जान लीजिए नियम और जुर्माने की रकम
कार के शीशे में सिर्फ इन लोगों है ब्लैक-फिल्म लगाने की छूट, जान लीजिए नियम और जुर्माने की रकम
Healthy Roti Options: गेहूं-बाजरा या रागी... किस रोटी को खाने से क्या होता है? एक क्लिक में जानें सबकुछ
गेहूं-बाजरा या रागी... किस रोटी को खाने से क्या होता है? एक क्लिक में जानें सबकुछ
Embed widget