Ruchak Rajyog: लाल रंग के इस ग्रह के पावर से बनता है रूचक राजयोग, बनाता है लोहे जैसा मजबूत और देता है सफलता
Ruchak Rajyog: रूचक राजयोग पंच महापुरुष योग में एक है, जिसका निर्माण मंगल ग्रह करते हैं. जन्म के समय कुंडली के केंद्र भाव में मंगल जब मकर, मेष या वृश्चिक में स्थित होते हैं, तब यह योग बनता है.

Ruchak Rajyog: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब व्यक्ति का जन्म होता है तब उस समय के ग्रह-नक्षत्रों की दशा और दिशा के आधार पर कुंडली में कई तरह के योग बनते हैं, जिसका प्रभाव उसके जीवन पर पड़ता है.
बात करें रूचक राजयोग की तो यह पंच पुरुषयोग में है. कुंडली में रूचक योग का निर्माण होना शुभ माना जाता है. रूचक राजयोग केवल एक ग्रहयोग बही है, बल्कि यह कुंडली का ऐसा पावर कोड है जो व्यक्ति को अच्छी पर्सनैलिटी, फौलादी आत्मविश्वास और हर क्षेत्र में जीतने की क्षमता प्रदान करता है.
भूमिपुत्र मंगल से है रूचक राजयोग का संबंध
रूचक राजयोग का संबंध लाल रंग के ग्रह यानी मंगल ग्रह से है. ऐसा माना जाता है कि, जिस व्यक्ति की कुंडली में इस योग का निर्माण होता है वह धन, संपत्ति, व्यक्तित्व और सफलता के मामले में धनी रहता है. आइए जानते हैं कुंडली में कब और कैसे होता है इस योग का निर्माण.
कुंडली में कैसे बनता है रूचक राजयोग
- ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, रूचक राजयोग का निर्माण तब होता है, जब कुंडली के केंद्र में मंगल अपनी उच्च राशि मकर, मूल त्रिकोण राशि मेष और स्वराशि वृश्चिक में स्थित रहता है.
- इसके साथ ही मंगल ग्रह लग्न से केंद्र में रहकर मकर और वृश्चिक में हो तब पंच महापुरुष योग का निर्माण होता है.
- लेकिन मंगल के साथ जब सूर्य या फिर चंद्रमा विराजमान हो तो ऐसे में महापुरुष योग भंग होने की भी संभावना रहती है. ऐसी स्थिति में इस योग का शुभ फल भी कम मिलता है.
इन क्षेत्रों में सफलता दिलाता है रूचक राजयोग
जिन लोगों की कुंडली में रूचक राजयोग बनता है, उन्हें खासकर ऐसे क्षेत्रों में सफलता मिलती है, जिसमें ऊर्जा, नेतृत्व और जोखिम लेने की क्षमता की आवश्यकता होती है. मंगल का यह शक्तिशाली योग सेना, पुलिस, पैरामिलिट्री और सुरक्षा सेवाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करवाता है, क्योंकि यहां शौर्य, अनुशासन और तुरंत निर्णय की जरूरत होती है. प्रशासनिक सेवाओं जैसे IAS, IPS, IRS में भी ऐसे लोग प्रभावशाली अधिकारी बनते हैं, क्योंकि उनमें नेतृत्व और दबाव में काम करने की नैसर्गिक क्षमता होती है.
इसके अलावा स्पोर्ट्स जैसे-बॉक्सिंग, कुश्ती और पावर गेम्स में यह योग व्यक्ति को आगे बढ़ाता है. तकनीक और इंजीनियरिंग क्षेत्रों जैसे, मैकेनिकल, सिविल, हार्डवेयर और मशीनरी में भी सफलता मिलती है, क्योंकि मंगल तकनीकी समझ और मशीनों का कारक है. इसके अलावा, रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और भूमि से जुड़े व्यवसायों में भी यह योग तेजी से उन्नति करते हैं.
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