बैंकिंग सेक्टर में इस साल हुए ये बड़े बदलाव, नॉमिनी से लेकर अनक्लेम्ड पैसे तक निकालना हुआ आसान
बहुत से लोग अपने पुराने खातों में जमा पैसे भूल चुके थे या जिनके खातों का कोई लेन-देन लंबे समय से नहीं हुआ. इसके अलावा, नॉमिनी से जुड़ा नियम भी अब पहले से कहीं ज्यादा सरल और फायदे वाला हो गया.

बैंकिंग सेक्टर लगातार बदल रहा है और इस साल ग्राहकों के लिए कुछ बहुत बड़े बदलाव हुए हैं. खासकर उन लोगों के लिए जो अपने पुराने खातों में जमा पैसे भूल चुके थे या जिनके खातों का कोई लेन-देन लंबे समय से नहीं हुआ. इसके अलावा, नॉमिनी से जुड़ा नियम भी अब पहले से कहीं ज्यादा सरल और फायदे वाला हो गया है. तो आइए जानते हैं कि बैंकिंग सेक्टर में इस साल क्या बड़े बदलाव हुए और कैसे नॉमिनी से लेकर अनक्लेम्ड पैसे निकालना आसान हुआ.
कैसे नॉमिनी से लेकर अनक्लेम्ड पैसे निकालना आसान हुआ
भारत में बहुत से ऐसे बैंक खाते हैं जिनमें सालों तक कोई लेन-देन नहीं हुआ और खाताधारक की जानकारी उपलब्ध नहीं है. इन खातों को अनक्लेम्ड डिपॉजिट कहा जाता है. लंबे समय तक इन एक्टिव पड़े ये पैसे बैंकिंग सिस्टम में रहते हैं, लेकिन अब सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सक्रिय पहल से इन पैसों को सही हकदारों तक पहुंचाने में तेजी आई है.
संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2022 से नवंबर 2025 के बीच भारतीय बैंकों ने 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की अनक्लेम्ड राशि वापस सही मालिकों तक पहुंचाई. यह कदम न सिर्फ बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाता है, बल्कि आम लोगों को उनके भूले हुए पैसे वापस मिलने का अवसर भी देता है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि सरकारी और प्राइवेट बैंक दोनों ने लाखों इनएक्टिव खातों की पहचान कर उनका निपटान किया. कई ऐसे खाते थे जिनमें वर्षों तक कोई दावा नहीं किया गया था. बैंक ने डॉक्यूमेंट की जांच, वारिसों की पुष्टि और ग्राहकों से संपर्क करके इन राशियों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाया.
DEA फंड स्कीम
RBI ने Depositor Education and Awareness Fund (DEA Fund Scheme) लागू की है. इसके तहत किसी भी बचत, चालू या सावधि जमा खाते में अगर 10 साल तक कोई गतिविधि नहीं होती, तो बैंक वह राशि RBI के केंद्रीय फंड में ट्रांसफर कर देता है. इससे पैसा सुरक्षित रहता है और जब मालिक सामने आता है, तो उसे वापस लौटाया जा सकता है. 30 जून 2025 तक, सरकारी बैंकों ने DEA फंड में 58,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए. इसमें SBI अकेले 19,330 करोड़ रुपए जमा कर सबसे ऊपर है. प्राइवेट बैंक भी पीछे नहीं हैं, और उन्होंने कुल मिलाकर 9,000 करोड़ रुपए फंड में ट्रांसफर किए. RBI के नियमों के तहत बैंकों को अनक्लेम्ड खातों की सूची अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होती है और मृत खाताधारकों के वारिसों को सक्रिय रूप से खोजने का निर्देश दिया गया है.
बैंकिंग सेक्टर में इस साल क्या बड़े बदलाव हुए
1 नवंबर 2025 से बैंकिंग सेक्टर में नॉमिनी से जुड़े नियम बदल गए हैं. अब आप अपने बैंक खाते, लॉकर या किसी भी सुरक्षित आइटम के लिए एक के बजाय चार नॉमिनी तय कर सकते हैं. पहले ज्यादातर बैंक केवल एक नॉमिनी की अनुमति देते थे. नए नियम के तहत चार नॉमिनी होने से अकाउंट होल्डर की मौत के बाद परिवार के अलग-अलग सदस्य फंड जल्दी पा सकते हैं. ग्राहक अपनी इच्छा के अनुसार नॉमिनी की हिस्सेदारी तय कर सकते हैं. लॉकर के लिए भी चार नॉमिनी और उनके क्रम को तय किया जा सकता है. इसका मतलब है कि अगर पहला नॉमिनी मौजूद नहीं है, तो दूसरा क्रम वाला नॉमिनी क्लेम कर सकता है. इस बदलाव से कानूनी जटिलताओं में कमी, परिवार में संपत्ति विवाद कम होना और फंड जल्दी मिलना संभव हुआ.
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Source: IOCL























