फ्लाइट कितनी लेट होने पर मिलता है पूरा रिफंड, क्या है इसका प्रोसेस?
फ्लाइट की देरी की कंडीशन में एयरलाइन की कुछ जिम्मेदारियां भी तय की गई है. इसमें अगर फ्लाइट की देरी 2 से 3 घंटे तक की है तो यात्रियों को एयरलाइन की तरफ से खाना या स्नेक्स दिए जाने चाहिए.

आजकल ट्रैवल करने के लिए लोग बस या ट्रेन से ज्यादा फ्लाइट को प्राथमिकता देते हैं. क्योंकि यह न सिर्फ टाइम बचाती है, बल्कि लंबी दूरी तय करने का सबसे आसान साधन भी होती है. लेकिन कई बार फ्लाइट अचानक कैंसिल हो जाती है या घंटों तक देरी से उड़ान भरती है, ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं सर्दियों के मौसम में तो यह समस्या और बढ़ जाती है, जब कोहरे के कारण फ्लाइट की उड़ाने प्रभावित होती है. ऐसे में अगर आप भी फ्लाइट से ट्रैवल करने वाले हैं तो यह जानना जरूरी है कि फ्लाइट कितनी लेट होने पर पूरा रिफंड मिलता है और इसका प्रोसेस क्या होता है.
कब मिलता है पूरा रिफंड?
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के नियम के अनुसार अगर किसी फ्लाइट में चार घंटे या उससे ज्यादा की देरी होती है तो यात्रियों को एयरलाइन की ओर से दो ऑप्शन मिलते हैं. जिसमें पहले ऑप्शन में यात्री चाहे तो अगली फ्लाइट ले सकते हैं या फिर दूसरे ऑप्शन में टिकट का पूरा रिफंड भी ले सकते हैं. वहीं अगर एयरलाइन तकनीकी खराबी, स्टाफ की कमी या फिर अपनी गलती की वजह से फ्लाइट कैंसिल करती है तो यात्री को टिकट का पूरा पैसा बिना किसी कटौती के वापस दिया जाता है. वहीं अगर फ्लाइट के समय में बदलाव कर दिया गया है और यात्री यात्रा नहीं करना चाहता तो उसे भी उन्हें पूरा रिफंड मिल सकता है.
क्या होती है एयरलाइन की जिम्मेदारी?
फ्लाइट की देरी की कंडीशन में एयरलाइन की कुछ जिम्मेदारियां भी तय की गई है. इसमें अगर फ्लाइट की देरी 2 से 3 घंटे तक की है तो यात्रियों को एयरलाइन की तरफ से खाना या स्नेक्स दिए जाने चाहिए. वहीं अगर फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट है तो यात्रियों को इसकी जानकारी कम से कम 24 घंटे पहले देनी होती है. अगर फ्लाइट रात में है और लंबी देरी की वजह से यात्री फंस जाते हैं तो एयरलाइन को उनके लिए होटल में ठहरने की व्यवस्था करनी पड़ती है.
कितना मिलता मिल सकता है रिफंड?
- एक घंटे से कम की देरी पर 5 हजार या टिकट का बेस फेयर रिफंड मिल सकता है
- एक से दो घंटे की देरी पर 7,500 या टिकट का बेस फेयर रिफंड मिल सकता है .
- दो घंटे से ज्यादा देरी पर 10 हजार या टिकट का बेस फेयर रिफंड मिल सकता है
- हालांकि मौसम खराब होने, सुरक्षा कारणों या आपदा जैसी असामान्य स्थितियों में एयरलाइन पर मुआवजा देने का नियम लागू नहीं होता है.
क्या होता है रिफंड पानी का प्रोसेस?
फ्लाइट लेट या कैंसिल होने पर रिफंड के लिए यात्री को उसी माध्यम से रिक्वेस्ट करनी होती है, जहां से टिकट बुक किया गया है. इसके लिए एयरलाइन की वेबसाइट एक पर जाकर Manage Booking सेक्शन में रिफंड का ऑप्शन सेलेक्ट करना होता है. इसके अलावा अगर टिकट ट्रैवल एजेंसी या किसी थर्ड पार्टी ऐप से किया है तो वहीं से कैंसिल करना होगा. वहीं रिफंड का पैसा आमतौर पर 7 से 10 वर्किंग डेज में उस अकाउंट में आ जाता है, जिससे पेमेंट किया है. वहीं अगर एयरलाइन रिफंड देने से मना कर दें या ज्यादा समय मिले तो आप इसकी शिकायत डीजीसीए और सेवा पोर्टल पर कर सकते हैं.
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