Video: प्रेमानंद महाराज को ऊपर से दिया प्रसाद, माला भी दूर से पहनाई, मंदिर के पंडित जी का वीडियो वायरल
Viral Video: प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह वृंदावन के मंदिर में हैं और मंदिर के पंडित प्रेमानंद महाराज को ऊपर से प्रसाद देते हैं, जिस पर लोगों ने आपत्ति जताई.

Premananda Maharaj Viral Video: उत्तर प्रदेश के वृंदावन के जाने माने संत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह वृंदावन के किसी मंदिर में मौजूद दिखाई दे रहे हैं, मंदिर के गर्भगृह से पंडित ने प्रेमानंद महाराज को ऊपर से प्रसाद दिया. यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और साथ ही लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.
हाथ जोड़े खड़े नजर आ रहे हैं प्रेमानंद
वीडियो में देखा जा सकता है कि मंदिर में राधा-कृष्णा की सुंदर प्रतिमा दिखाई दे रही है, वहीं पास में प्रेमानंद महाराज हाथ जोड़े खड़े नजर आ रहे हैं. इस दौरान मंदिर के पंडित प्रेमानंद महाराज को गर्भगृह के अंदर से प्रसाद लाकर देते हैं, लेकिन वह प्रसाद प्रेमानंद महाराज को ऊपर से पकड़वाते हैं और फिर उसके बाद पंडित प्रेमानंद महाराज को माला भी बहुत दूर से फेंकते हुए पहनाते हैं.
इस वीडियो में दिखाई दे रहा है की मंदिर के पंडित जी प्रेमानंद महाराज जी को ऊपर से प्रसाद दे रहे हैं और माला भी दूर से पहना रहे है।
— Madhuri (@IamMadhuri_) November 26, 2025
कई लोग सोच रहे होंगे की पंडित जी ने ऐसा क्यों किया। तो मेरे हिसाब से इसकी शायद यह वजह हो सकती है की,
• गर्भगृह में कोई नीचे नहीं बैठ सकता या अंदर… pic.twitter.com/VDSEA13Ier
अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल होने लगा कि लोगों के बीच बहस छिड़ गई. कुछ लोगों ने मंदिर के पंडित के व्यवहार पर आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह फेंकते हुए माला पहनाना और दूर से प्रसाद देना गलत है, लेकिन इसके पीछे कुछ ओर ही कारण है.
पंडित जी ने प्रेमानंज महाराज के साथ ऐसा क्यों किया?
कई लोग सोच रहे होंगे कि मंदिर के पंडित जी ने ऐसा क्यों किया. मंदिर के कुछ नियम है, जैसे कोई भी बाहरी व्यक्ति गर्भगृह के अंदर नहीं जा सकता है और न ही नीचे बैठ सकता है. यह मर्यादा सिर्फ पवित्रता बनाए रखने के लिए है. गर्भगृह के अंदर बैठे पंडित को बाहर से आए किसी भी व्यक्ति को छूना मना होता है, जिसके चलते मंदिर के पंडित ने प्रेमानंद महाराज को भी दूर से प्रसाद दिया. वृन्दावन के कई मंदिरों में यहीं परंपरा है.
Source: IOCL























