उत्तराखंड: चमोली में होटल जिहाद के विरोध में प्रदर्शन, संपत्ति बिक्री को लेकर बढ़ा तनाव
Uttarakhand News: प्रदर्शनकारियों का कहना था कि चारधाम यात्रा से जुड़े संवेदनशील क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय और व्यावसायिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का सामाजिक तनाव न हो.

उत्तराखंड में इन दिनों ‘होटल जिहाद’ शब्द को लेकर नई बहस शुरू हो गई है. ताजा मामला चमोली जिले के पीपलकोटी क्षेत्र का है, जहां एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा अपनी होटल संपत्ति विशेष समुदाय के व्यक्ति को बेचे जाने की सूचना के बाद व्यापारियों और हिंदू संगठनों में आक्रोश देखने को मिला. चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव पीपलकोटी में रविवार को इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया गया.
होटल व्यवसायियों और विभिन्न हिंदू संगठनों की ओर से एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय व्यापारी और सामाजिक लोग शामिल हुए. बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति अपनी निजी संपत्ति, विशेषकर होटल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान, विशेष समुदाय को नहीं बेचेगा. प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति इस निर्णय की अनदेखी करता है तो पूरे क्षेत्रवासी इसका पुरजोर विरोध करेंगे.
बैठक के बाद व्यापारियों और संगठनों ने पीपलकोटी बाजार में जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए इस कथित होटल बिक्री का विरोध किया और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि चारधाम यात्रा से जुड़े संवेदनशील क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय और व्यावसायिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का सामाजिक तनाव न पैदा हो.
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि पूर्व में दी गई चेतावनियों के बावजूद होटल की बिक्री होती है तो क्षेत्र में उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी स्थिति में किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था बिगड़ने की जिम्मेदारी संबंधित विक्रेता की होगी. व्यापारियों का यह भी कहना है कि वे किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन क्षेत्र की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को सुरक्षित रखना चाहते हैं.
इस पूरे घटनाक्रम के बीच ‘होटल जिहाद’ जैसे शब्द के प्रयोग को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं. कुछ लोग इसे महज विरोध का प्रतीकात्मक नाम बता रहे हैं, तो वहीं कुछ वर्गों का मानना है कि इस तरह के शब्द सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं. फिलहाल प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की जा रही है. पीपलकोटी जैसे महत्वपूर्ण पड़ाव पर उठे इस मुद्दे ने एक बार फिर उत्तराखंड में संपत्ति बिक्री, पहचान और सामाजिक संतुलन से जुड़े सवालों को केंद्र में ला दिया है.
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