राजस्थान-मध्य प्रदेश के बाद उत्तराखंड में अलर्ट, 63 कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए भेजे गए
Dehradun News: प्रदेश में कई जगह से छापेमारी की कार्रवाई में 63 कफ सिरप के नमूने देहरादून में स्थित राज्य औषधि विश्लेषण प्रयोगशाला भेजे गए हैं. 15 दिन में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए गए हैं.

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत के मामले के बाद उत्तराखंड सरकार भी अलर्ट हो गयी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के दिशा निर्देश पर एफडीए ने पूरे राज्य में प्रतिबंधित व संदिग्ध कफ सिरप पर कार्यवाही की है. प्रदेश में बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खाद्य संरक्षण एवं औषधि प्रशासन फड़ना प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री व वितरण के खिलाफ चकना अभियान चलाया.
प्रदेश में कई जगह से छापेमारी की कार्रवाई में 63 कफ सिरप के नमूने देहरादून में स्थित राज्य औषधि विश्लेषण प्रयोगशाला भेजे गए हैं. प्रयोगशाला को 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए गए हैं. ताकि जल्द से जल्द इन कफ सिरप के बारे में जानकारी मिल सके.
सीएम धामी के निर्देश पर हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के दिशा निर्देश पर राज्य औषधि विभाग ने पूरे राज्य में प्रतिबंधित संयुक्त कफ सिरप पर कार्यवाही की है. सोमवार को एफडीए के अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजमहल सिंह जग्गी ने बताया कि राजस्थान व मध्य प्रदेश के कफ सिरप के सेवन में से बच्चों के बीमार होने और मृत्यु की घटनाओं के बाद प्रदेश सरकार के निर्देश पर अभियान चलाया गया सभी जिलों में अब तक 63 कफ सिरप के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सीएफटीओ मेडिकल स्टोर थोक विक्रेताओं व अस्पतालों की औषधि दुकानों से कफ सिरप के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे जाएं.
दवा सामग्री के भी सैम्पल लिए गए
दवा निर्माण कंपनियों से भी कच्चे माल जैसे पालीइथिलीन ग्लाइकाल सॉर्बिटॉल और अन्य रासायनिक तत्वों के सैंपल लेकर गुणवत्ता जांच की जा रही है. जिससे उत्पादन स्तर पर भी किसी प्रकार की कमी ने या गड़बड़ी की संभावना न रहे .
बिना डॉक्टर की सलाह के न दें सिरप
अपरायुक्त ने लोगों से अपील की है कि बिना चिकित्सक की सलाह के बच्चों को कोई भी कफ सिरप या औषधि ना दें. यदि सर्दी में खांसी बुखार जैसे लक्षण दिखाई दे तो केवल योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर ही दवा दें. इसके अलावा घरों में पहले से खुली हुई कफ सिरप या किसी भी प्रकार की दवाई बच्चों को बिल्कुल ना दें. कई बार पुरानी या खुली दवाइयां अपनी प्रभावशीलता को देती हैं या उनकी क्षमता कम हो जाती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है.
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Source: IOCL























