पीलीभीत में बाघ का आतंक, दो महीने में सात लोगों को बनाया शिकार, इलाके में हड़कंप
Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत में बाघ ने अपना आतंक मचा रखा है. बता दें 2 महीने में 7 लोगों को शिकार बनाकर मौत के घाट उतार दिया है. बाघ के आतंक से गांवों में डर पसरा हुआ है.

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में इन दिनों बाघ का खौफ इस कदर फैला है कि लोग खेतों में जाना छोड़ चुके हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा रहे और गांव के लोग सामूहिक तौर पर चौपालों में दिन काट रहे हैं. पिछले दो महीने में बाघ अब तक 7 लोगों की जान ले चुका है.
वहीं पिछले 4 दिनों में दो मौतें और दो लोग घायल हो चुके हैं. 14 जुलाई को महोफ रेंज के फुलहर गांव में सुबह-सुबह खेत पर गए दयाराम बाघ का शिकार बन गए. एबीपी न्यूज ने उनके परिजनों से बात की. पत्नी और बेटे की आंखों में आंसू थे, तो गांव वालों डरे थे. बच्चे भी सहमें हैं.
बाघ ने ग्रामीणों पर किया हमला
वहीं 17 जुलाई को मंडरिया गांव में बाघ के हमले में तीन लोग घायल हुए, जबकि कृष्णा देवी नाम की महिला की मौत हो गई. महिला के बेटे ने कहा बाघ पहले भी आते थे, पर हमला नहीं करते थे, लेकिन अब मां चली गई, कल को हम भी जा सकते हैं. बाघ को जल्द पकड़ा जाए.
बाघ के डर का सबसे बड़ा असर बच्चों पर दिख रहा है. फुलहर और मंडरिया गांवों के बच्चे स्कूल जाने से कतरा रहे हैं. कई ग्रामीणों ने बताया कि अब लोग खेतों में अकेले नहीं जा रहे. एक जगह इकट्ठा होकर काम कर रहे हैं.
बाघ से भिड़ गया दोस्त, बचाई दोस्त की जान
बाघ का हमला सिर्फ मौत लेकर नहीं आया बल्कि कुछ साहस की कहानियां भी सामने आईं. मंडरिया गांव में बाघ ने जब निलेश नामक युवक पर हमला किया, तो उसके दोस्त हरिवंश ने जान की परवाह किए बिना बाघ से लोहा लिया और निलेश की जान बचा ली.
हरिबंश में एबीपी न्यूज से कहा मैंने बाघ को पूरी ताकत से मारा, वो निलेश को छोड़कर भाग गया. वहीं बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग और बाघ मित्र की टीमें लगातार ऑपरेशन चला रही हैं. महेशपुर गांव में एबीपी न्यूज की टीम को बाघ के ताजे पगमार्क मिले.
विशेष वेटरनरी टीम तैनात
बाघ को पकड़ने के दौरान ट्रेंकुलाइज करने के लिए विशेष वेटरनरी टीम भी मौके पर तैनात है. डॉक्टर दक्ष गंगवार ने बताया कि एक स्टैंडर्ड SOP है जिसके बाद हम ट्रेंकुलाइज करते हैं, पहले हम पिंजरे में पकड़ने की कोशिश करते हैं पर फिलहाल अभी जिस तरीके से बाघिन ने कई हमले कर दिए हैं .
जिसके बाद अब ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है. उन्होंने बताया कि ट्रेंकुलाइज करने के बाद लगभग 45 मिनट से 1 घंटे के बीच में वापस जानवर को उसका एन्टीडोट दे देते हैं और वह सामान्य हो जाता है. पीलीभीत DFO मनीष सिंह ने एबीपी न्यूज को बताया कि बाघ को लेकर शीर्ष वन अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं.
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