Joshimath Flower Valley: कल से खुल जाएगी फूलों की घाटी, UNESCO ने किया था विश्व धरोहर घोषित, जानें- क्या है खास
Uttarakhand Tourism: जोशी स्थित फूलों की घाटी को 2004 में यूनेस्को (UNESCO) ने विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित (World Natural Heritage) किया था.
UNESCO World Heritage Flower Valley: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) की विश्व धरोहर (World Heritage) फूलों की घाटी पर्यटकों (Tourists) के लिए कल से खोल दी जायेगी. कल सुबह घांघरिया स्थित फूलों की घाटी के गेट पर उप प्रभागीय वनाधिकारी नंदबल्लभ शर्मा हरी झंडी देकर पर्यटकों को रवाना करेंगे. इसको लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. पार्क प्रशासन एक माह से तैयारियों में जुटा है. पार्क प्रशासन ने 4 किलोमीटर पैदल मार्ग की मरम्म्त के साथ रास्ते पर 2 पैदल पुल का निर्माण भी कर दिया है.
इस साल फूलों की घाटी में 12 से अधिक प्रजाति के फूल समय से पहले खिल गए हैं. घाटी में कल-कल करती पुष्पावती नदी, झर-झर झरते झरने, हिमालयी सौन्दर्य के साथ फूलों की छटा अभी से देखते ही बनती है. टिपरा ग्लेशियर सहित घाटी की वादिया देखते ही बनती हैं.
फूलों की घाटी को 2004 में यूनेस्को (UNESCO) ने विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित (World Natural Heritage) किया था. 87.5 किलोमीटर में फैली घाटी जैव विविधता का खजाना है. यहां पर दुर्लभतम प्रजाति के फूल, पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी और वनस्पतियां पाई जाती हैं. यहां प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजातियों के फूल खिलते हैं. देश विदेश से हर साल हजारों पर्यटक घाटी का दीदार करने आते है. फूलों की घाटी की यात्रा को लेकर वन विभाग ने कमर कस ली है. 1 जून को घांघरिया स्थित फूलों की घाटी के गेट से पर्यटकों को हरी झंडी देकर रवाना किया जाएगा.
यह भी पढ़ें-
घाटी में इतने किस्म के फूल हैं कि पर्यटकों को उनकी जानकारी कम ही होती है. खिले फूल देखकर पर्यटक वापस लौट जाते थे, उनको ये भी पता नहीं रहता था कि कौन सा फूल कब खिलता है.
वन विभाग पर्यटकों की सुविधा और जानकारी के लिए एल्युमिनियम का सूचना पट लगाने जा रहा है जिसमें फूलों के बारे में जानकारी और वे कब खिलते हैं, उनकी विशेषता आदि लिखी जाएगी. इससे पर्यटकों को फूलों की पहचान के साथ-साथ फूल के बारे जानकारी मिलेगी.
फूलों की जानकारी वाले लगाए जाएंगे 35 सूचना पट
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ नंद बल्लभ शर्मा का कहना है कि पहली बार फूलों की घाटी में एल्युमिनियम के 35 सूचना पट या तख्तियां लगाई जाएंगी जिनमें फूलों के बारे में जानकारी और वो फूल कब खिलते हैं, उस फूल की विशेषता लिखी.
उप प्रभागीय वनाधिकारी नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क नंद बल्लभ शर्मा का कहना है कि ''घाटी में पैदल रास्ते के साथ-साथ पैदल पुल का भी निर्माण हो चुका है. कल घांघरिया स्थित फूलों की घाटी गेट में मेरे द्वारा सुबह 8 बजे हरी झंडी देकर पर्यटकों को घाटी के लिए रवाना किया जाएगा, घाटी में अभी एक दर्जन से अधिक प्रजाति के फूल खिले हैं, इस साल चारधाम की तर्ज पर यहां पर्यटन व्यवसायियों को काफी उम्मीद है. जिस तरह चारधाम यात्रा चल रही है उसी तरह पर्यटकों के आने की उम्मीद है.
यह भी पढ़ें-
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets