नैनीताल ADM की अंग्रेजी पर हाईकोर्ट सख्त, पूछा- क्या ऐसे अफसर पर किया जा सकता है भरोसा?
Naninital News:18 जुलाई को पारित आदेश में अदालत ने ADM से पूछा कि क्या उन्हें अंग्रेजी आती है. विवेक राय ने जवाब दिया कि वे अंग्रेजी समझ तो सकते हैं, लेकिन बोलने में दिक्कत आती है.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान नैनीताल के ADM विवेक राय के अंग्रेजी न जानने पर गंभीर सवाल उठाए. ADM विवेक राय, सीनियर पीसीएस अधिकारी हैं. उन्होंने अदालत में हिंदी में जवाब दिया, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक माहरा की खंडपीठ ने पूछा कि क्या वे कार्यकारी पद को प्रभावी ढंग से संभाल सकते हैं.हाईकोर्ट के रुख से पूरे उत्तराखंड प्रशसनिक अमले में हड़कम्प मचा हुआ है.
दरअसल मामला पंचायत चुनावों में मतदाता सूची तैयार करने के लिए पारिवारिक रजिस्टर की वैधता से जुड़ा था. इसी 18 जुलाई को पारित आदेश में अदालत ने ADM से पूछा कि क्या उन्हें अंग्रेजी आती है. विवेक राय ने जवाब दिया कि वे अंग्रेजी समझ तो सकते हैं, लेकिन बोलने में दिक्कत आती है. इस पर कोर्ट ने राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे जांच करें कि क्या ऐसा अधिकारी, जो अंग्रेजी में बात करने में असमर्थ है, किसी कार्यकारी पद को प्रभावी रूप से संभाल सकता है.
मतदाता सूची और पारिवारिक रजिस्टर का विवाद
अदालत ने सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी (AERO) से पूछा कि क्या पारिवारिक रजिस्टर में दर्ज प्रविष्टियों की प्रामाणिकता की पुष्टि के लिए कोई प्रक्रिया अपनाई गई है. अधिकारियों ने बताया कि मतदाता नामावली तैयार करते समय केवल पारिवारिक रजिस्टर पर ही भरोसा किया गया, कोई अन्य दस्तावेज एकत्र नहीं किए गए. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश (निर्वाचकों का पंजीकरण) नियम, 1994 में पारिवारिक रजिस्टर को वैध दस्तावेज नहीं माना गया है. यदि राज्य भर में इसी आधार पर मतदाता सूची तैयार की जा रही है, तो इसकी वैधानिकता संदेह के घेरे में आ जाती है.
ADM विवेक राय का बैकग्राउंड
बता दें कि ADM विवेक राय विभिन्न जिलों में उपजिलाधिकारी (SDM) के रूप में तैनात रह चुके हैं और वर्तमान में नैनीताल में ADM के पद पर हैं. उनकी अंग्रेजी न जानने की बात अदालत में सामने आने के बाद उनके कार्यक्षमता पर सवाल उठे हैं.
अगली सुनवाई 28 जुलाई को
हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य सचिव को 28 जुलाई को वर्चुअल माध्यम से उपस्थित होकर इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में आगे की कार्रवाई का इंतजार है.
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