मुरादाबाद में BLO ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में SIR के टारगेट को ठहराया जिम्मेदार
UP News: मुरादाबाद मे एसआईआर कार्य में लगे एक बीएलओ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, पुलिस को शव के पास से सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें वह एसआईआर के तनाव का जिक्र किया है.

मुरादाबाद में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में लगे एक बीएलओ ने बीती रात (29-30 नवम्बर) अपने घर के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, उनका शव कमरे में पंखे से लटका मिला. पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें आत्महत्या करने की वजह एसआईआर का टारगेट पूरा न कर पाने को बताया गया.
बताया गया कि मृतक का नाम सर्वेश सिंह था जो भगतपुर थाना इलाके के जाहिदपुर सीकमपुर गांव के बूथ नंबर 406 पर तैनात थे. परिवार ने आरोप लगाया कि बिना ट्रेनिंग के सर्वेश की बीएलओ में ड्यूटी लगा दी थी और लगातार उन पर दबाव बनाया जा रहा था जिससे तंग आकर उन्होंने जान दी है.
बीईओ के नाम लिखा 3 पेज का सुसाइड नोट
टीचर सर्वेश सिंह (46) ने आत्महत्या से पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी (जिला निर्वाचन अधिकारी) के नाम 3 पेज का सुसाइड नोट लिखा, इसमें एसआईआर से परेशान होने की बात लिखी. सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि "रात-दिन काम करता रहा फिर भी एसआईआर का टारगेट हासिल नहीं कर पा रहा हूं. रात बहुत मुश्किल और चिंता में कटती है. सिर्फ 2 से 3 घंटे सो पा रहा हूं."
'दबाव की वजह से परेशान है बीएलओ'
वहीं सर्वेश सिंह की मौत की खबर सुन कर उनके साथी शिक्षक भी उनके घर पहुंच गये जिनमे कई की ड्यूटी बीएलओ और सुपर वाईज़र के रूप में लगी है. उनका कहा है कि अभी बहुत सारे लोगों के फॉर्म जमा नहीं हो पाए हैं, जबकि अफसरों का दबाव बढ़ता जा रहा है, यही वजह है कि कम समय होने के कारण बीएलओ परेशान हैं.
वहीं परिवार के लोगो का कहना है की सर्वेश सिंह एसआईआर को लेकर बहुत दबाव में थे लगभग 80 फर्म वह कहीं रख कर भूल गये थे वह मिल नहीं रहे थे उसकी भी उन्हें चिंता थी हालाँकि इस काम में उनका भांजा जितेन्द्र कुमार उनकी मदद भी कर रहा था और पत्नी भी उनकी मदद करती थी सब लोग उनको समझाते थे की इतना तनाव मत लो लेकिन सर्वेश ने ऐसा कदम उठा लिया.
परिजनों ने की 1 करोड़ मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग
सर्वेश की मां सोमती ने बताया कि एसआईआर के लिए मेरे बेटे के पास रात को दो दो बजे तक फोन आते थे वह बहुत परेशान थे. वहीं, मृतक की पत्नी ने बताया कि घर में मेहमान आये हुए थे लेकिन सर्वेश ने ठीक से खाना भी नहीं खाया था. परिवार का कहना है की हमें न्याय चाहिए. अब सर्वेश के परिजन एक करोड़ रुपया मुआवजा और पत्नी को सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं.
डीएम बोले- पुलिस कर रही मामले की जांच
जिला अधिकारी अनुज सिंह का कहना है कि बीएलओ के रूप में सर्वेश सिंह अच्छा कार्य कर रहे थे. वो अपने टास्क का करीब 67% फॉर्मों का डिजिटलाइजेशन कर चुके थे, जो औसत से काफी बेहतर है. इसके अलावा उनकी मदद के लिए आंगनबाड़ी से भी एक स्टाफ को लगाया था. ऐसे में सीधे तौर पर ये बात समझ से परे है कि उनके ऊपर एसआईआर काम का कोई प्रेशर था. लेकिन, मौके पर एक सुसाइड नोट मिला है, जिससे ये बात सामने आ रही है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
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