मिशन शक्ति 5.0: बेटियों के हाथ में प्रशासन की बागडोर, छात्राओं ने निभाई प्रशासनिक जिम्मेदारी
Lucknow News: मिशन शक्ति 5.0 के तहत राज्य में 350 से अधिक बालिकाओं ने प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाकर आत्मविश्वास और परिपक्वता दिखाई है.

मिशन शक्ति 5.0 के तहत अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह में बुधवार को पूरे प्रदेश में अनूठे आयोजन हुए. कहीं बेटियां ‘एक दिन की जिलाधिकारी’ बनकर जिम्मेदारी निभाती दिखीं, तो कहीं अस्पतालों में ‘कन्या जन्मोत्सव’ के जरिए नवजात बालिकाओं का हर्षोल्लास से स्वागत किया गया.
इन आयोजनों ने न केवल बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदला है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सपनों को नया आयाम भी प्रदान किया है. जहां-जहां बालिकाओं ने अधिकारी बनकर पद संभाला, वहां उनकी गंभीरता, परिपक्वता और नेतृत्व क्षमता देखकर सभी प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी हैरान रह गए.
बालिकाओं ने निभाई प्रशासनिक जिम्मेदारी
महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से आयोजित इन कार्यक्रमों में प्रदेश भर की 350 से अधिक बालिकाओं को जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई.
इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं को नेतृत्व और प्रशासनिक कार्यों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना था, ताकि वे भविष्य में उच्च पदों पर निर्णयकारी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित हों. कई जिलों में बालिकाओं ने महिला सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल संरक्षण और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर अधिकारियों से संवाद किया और अपने सुझाव प्रस्तुत किए. उनकी गंभीरता और परिपक्वता ने सभी को प्रभावित किया.
विधिवत पूजन के साथ हुआ नवजात बेटियों का स्वागत
वहीं दूसरी ओर, कन्या जन्मोत्सव ने सच्चे अर्थों में पूरे प्रदेश में बेटियों के स्वागत को एक जन-आंदोलन का रूप दे दिया. एक ही दिन में जन्मी 500 से अधिक नवजात बालिकाओं का सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में विधिवत पूजन के साथ स्वागत किया गया. नवजात बेटियों और उनकी माताओं को उपहार स्वरूप वस्त्र, फल, पौष्टिक आहार और शुभकामना कार्ड भेंट किए गए.
नवजात कन्याओं को मिला मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ
कन्या जन्मोत्सव को योगी सरकार की महत्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना' से जोड़ा गया. इस योजना के तहत नवजात बालिकाओं को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक छह चरणों में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. कार्यक्रम में उपस्थित परिवारों को इस योजना की पात्रता मानक और लाभों की जानकारी दी गई, ताकि हर बेटी का भविष्य सुरक्षित हो सके.
प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने स्वयं अस्पतालों में पहुंचकर माताओं और नवजात बेटियों का सम्मान किया. साथ ही, बेटियों के जन्म की संख्या के अनुरूप पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ के संदेश को एक साथ आगे बढ़ाया गया.
अब तक कई लाख लोगों को किया गया जागरूक
बता दें कि मिशन शक्ति के पांचवें चरण में 22 सितंबर से अब तक 14.08 लाख लोगों को जागरूक किया गया, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बालक और बालिकाएं शामिल हैं. यह अभियान नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए एक नई क्रांति का प्रतीक बन रहा है.
महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा कि मिशन शक्ति का यही उद्देश्य है कि हर बेटी को यह विश्वास मिले कि वह केवल अपने सपनों तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हें साकार करने की शक्ति भी उसके भीतर है. यह अनुभव उनके जीवनभर प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आने वाले समय में उन्हें समाज की दिशा बदलने की ताकत प्रदान करेगा.'
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Source: IOCL
























