होली पर भगवा रंग के अबीर गुलाल का छाया खुमार, बाजारों में बढ़ी डिमांड, स्टॉक हुआ खत्म
Holi 2025: होली में अब तीन दिन बाकी रह गए हैं, उससे पहले बाजारों की रौनक बढ़ गई है. कानपुर में भी लोगों पर होली का खुमार छाया है और लोग अबीर गुलाल खरीदने के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं.

Kanpur News Today: रंगों का त्योहार होली 14 मार्च को पूरे देश में धूम धाम से मनाया जाएगा. हालांकि उससे पहले होली को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है. बड़ी संख्या में खाने पीने और रोजमर्रा के सामानों के साथ पिचकारी और अबीर गुलाल की खरीदारी के लिए लोग बाजारों का रुख कर रहे हैं.
इस बार होली की खरीदारी के बीच लोगों में भगवा रंग के गुलाल की मांग अचानक बढ़ गई है. बाजारों में यूं तो लोग कई रंगों के गुलाल खरीद रहे हैं, लेकिन मांग बढ़ने से बाजार में भगवा रंग का गुलाल कम पड़ रहा है. बाजारों में आने वाले ज्यादातर खरीदार भगवा रंग के गुलाल को खरीद रहे है.
होली में भगवा रंग की डिमांड
भगवा रंग की मांग का आलम यह है कि अब बाजार की ज्यादातर दुकानों पर माल नहीं बचा है. जिसके बाद सभी थोक और फुटकर दुकानदारों ने बताया कि उन्होंने एक बार फिर फैक्ट्रियों से संपर्क साध लिया है. उन्होंने फैक्ट्रियों से ज्यादा मात्रा में भगवा रंग के गुलाल का ऑर्डर किया है.
कानपुर के श्यामनगर क्षेत्र में संचालित होने वाली तकरीबन 20 ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जहां सौ साल से अधिक समय से रंगों का कारोबार होता रहा है. जायसवाल परिवार भी यहां के सबसे पुराने रंगों के कारोबारियों में से एक है. उन्होंने बताया कि लगातार कानपुर की हटिया बाजार से अलग-अलग दुकानदारों की कॉल उनके पास आ रही है और भगवा रंग के गुलाल की मांग कर रहे हैं.
सैकड़ों टन गुलाल का है कारोबार
उन्होंने बताया कि हालांकि होली के एक सप्ताह पहले तक ही यहां की फैक्ट्रियों में रंगों और गुलाल का माल तैयार किया जाता है. भारी मांग के बाद अब एक बार फिर से भगवा रंग का गुलाल फैक्ट्रियों में बनाना शुरू कर दिया गया है. होली पर यहां की फैक्ट्रियों से लगभग 500 टन गुलाल का कारोबार उत्तर प्रदेश समेत हरियाणा, मुंबई, राजस्थान, बिहार और अन्य राज्यों तक भेजा जाता है.
इस बार गुलाल की मांग बढ़ने से एक बार फिर इसे बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. इस बार ज्यादातर लोगों ने भगवा रंग के अबीर गुलाल से होली खेलने का मन बनाया है. खुशबूदार गुलाल, हर्बल गुलाल और लिक्विड में तैयार हुआ गुलाल लोगों को खूब पसंद आ रहा है. इन सबके बीच भगवा रंग का गुलाल भी लोगों की पहली पसंद बन सामने आया है.
दो महीने तक बनता है गुलाल
अरारोट, रंग, पानी से मिलाकर तैयार किया जाने वाला गुलाल केमिकल मुक्त होता है. यह इंसानी त्वचा को नुकसान भी नहीं पहुंचाता है. जनवरी माह से फैक्ट्रियों में गुलाल बनाना शुरू कर दिया जाता है और मार्च में होली के एक सप्ताह पहले यह गुलाल बनना बंद होता है. गुलाल की मांग देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार होली में हर ओर भगवा छाया रहेगा.
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