'मंथरा का अपडेट वर्जन है मीडिया, मेरी हत्या भी...', विवादों में फंसे अनिरुद्धाचार्य का बयान
Aniruddhacharya Controversy: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने कुछ मीडिया के वर्गों पर आरोप लगाते हुए मंथरा का अपडेट वर्जन बताया व टीआरपी के लिए झूठ फैलाने का दावा किया. आइये जानें क्या है पूरा विवाद.

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने मीडिया के एक वर्ग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यह बयान हाल ही में सार्वजनिक मंच से दिया गया. इस बयान में उन्होंने मीडिया की भूमिका, सनातन और व्यक्तिगत सुरक्षा तक के मुद्दे उठाए गए हैं.
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने अपने बयान में कहा कि देश में कुछ मीडिया चैनल, मीडिया कर्मी और पत्रकार ‘अंधे’ हैं. उनके अनुसार इन्हें गौरी-गोपाल की सेवा नजर नहीं आती, लेकिन वे अनिरुद्धाचार्य को गाली देने का कोई मौका नहीं छोड़ते. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ न्यूज चैनल लगातार झूठ बोलते हैं और टीआरपी के लिए तथ्य तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं.
अनिरुद्धाचार्य ने अपनी उम्र का जिक्र करते हुए कहा कि वह लगभग 35 साल के हैं और 25 साल की उम्र से सेवा कार्यों में लगे हुए हैं. उन्होंने अपने द्वारा चलाए जा रहे वृद्धाश्रम, शिक्षा से जुड़े कार्य और गौसेवा का भी उल्लेख किया और कहा कि इन कार्यों को मीडिया जानबूझकर नजरअंदाज करता है.
लिव-इन रिलेशनशिप पर दिया बयान दोहराया
लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर दिए गए अपने बयान का जिक्र करते हुए अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि लिव-इन भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है. उन्होंने दावा किया कि इस मुद्दे पर राय रखने के बाद मीडिया उनके पीछे पड़ गई. उनके मुताबिक, मीडिया में यह तक कहा गया कि उन्हें फांसी दे दी जाए. अनिरुद्धाचार्य ने आरोप लगाया कि सुबह से शाम तक मीडिया उनके खिलाफ भौंकने जैसा व्यवहार करती रही और झूठी खबरें चलाई गईं.
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक बार अभिनेता धर्मेंद्र के जीवित रहते हुए उनकी मौत की खबर चला दी गई थी, जो मीडिया की सच्चाई को दिखाता है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मीडिया कर्मी सच बोलते हैं, लेकिन कई लोग सनातन का विरोध करने के लिए उनका विरोध करते हैं. अनिरुद्धाचार्य ने यह आरोप भी लगाया कि उनके खिलाफ झूठी एफआईआर की खबरें फैलाई गईं, जबकि उन्होंने किसी का कुछ बिगाड़ा नहीं है.
मंथरा का अपडेट वर्जन है मीडिया- अनिरुद्धाचार्य
अपने बयान के सबसे तीखे हिस्से में अनिरुद्धाचार्य ने मीडिया को ‘मंथरा का अपडेट वर्जन’ बताया. उन्होंने कहा कि पहले हिंदुओं को मंथरा लड़वाती थी और आज मीडिया वही काम कर रही है. उन्होंने मीडिया को धृतराष्ट्र की संज्ञा देते हुए कहा कि ये लोग कुछ भी कर सकते हैं और अपनी टीआरपी के लिए किसी की जान तक खतरे में डाल सकते हैं.
उन्होंने यहां तक कहा कि मीडिया उनके मर्डर तक की साजिश कर सकती है क्योंकि वे सनातन की सेवा कर रहे हैं. गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य ने ऐसा विवादित बयान दिया हो. इससे पहले भी महिलाओं पर की गई टिप्पणियों को लेकर उन्हें ट्रोलिंग और कानूनी मामलों का सामना करना पड़ा है.
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Source: IOCL
























