Rajasthan Waqf Property: राजस्थान में वक्फ के पास कितने मजार, मकबरा और दरगाह? जयपुर में सबसे अधिक 'प्रॉपर्टी'
Rajasthan Waqf Board News: राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फ के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश की राजधानी जयपुर में सबसे अधिक कुल 214 मजार, दरगाह और मकबरे हैं.

List of Important Dargah in Rajasthan: वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद अब अलग-अलग राज्यों में बोर्ड की संपत्तियों की चर्चा हो रही है. राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फ के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश की राजधानी जयपुर में सबसे अधिक कुल 214 मजार, दरगाह और मकबरे हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर अजमेर में मजारों और दरगाहों की कुल संख्या 200 है.
जयपुर में दरगाह और मजारों की संपत्तियां?
जयपुर की बात करें तो यहां दरगाह सलीम शाह जी (672 रेनवाल मांजीफागी) के पास कुल 13007 Sq फीट जमीन है. जयपुर में स्थित दरगाह हज़रत कोठी वाले बाबा के पास कुल 12 बिस्वा जमीन है. दरगाह शाह जलाल शाह के पास 21990.54 Sq फीट जमीन है. जयपुर में दरगाह फतेह साहब के पास 3 बीघा जमीन है. दरगाह हुजूरी शाह दुर्वेश के जिम्मे 5 बिस्वा जमीन है. दरगाह पंच पीर के पास 20 बीघा जमीन है. मुआफी दरगाह (तलाजामवा रामगढ़, जयपुर) के पास कुल 1170.4 बीघा जमीन है.
इसके अलावा जयपुर के विराटनगर में दरगाह भीकम सईद की कुल 1024 Sq फीट जमीन है. दरगाह मामू भांजा ( नारायण फुलेरा, जयपुर) के पास कुल 1168 Sq फीट भूमि है. मजार सल्ले खां क़िले वाले (नारायण फुलेरा, जयपुर) के पास कुल 1225 Sq फीट जगह है. मजार मीरां सैयद अलमशूर नीमरी वाले बाबा, जयपुर के पास 1675 Sq फीट जमीन है.
राजस्थान में कहां कितने मजार, मकबरा और दरगाह?
- अजमेर- 200
- अलवर- 157
- बांसवाड़ा- 21
- बांरा- 100
- बाड़मेर- 10
- भीलवाड़ा- 144
- बीकानेर- 20
- बूंदी- 91
- चित्तौड़गढ़- 133
- चुरू- 10
- दौसा- 20
- डूंगपुर- 20
- गंगानगर- 1
- हनुमानगढ़- 1
- जयपुर- 214
- जालौर- 41
- झालावाड़- 70
- झुंझनू- 44
- जोधपुर- 64
- करौली- 22
- नागौर- 160
- पाली- 45
- राजसमंद- 52
- सवाई माधोपुर- 137
- सीकर- 37
- सीरोही- 10
- टोंक- 127
- उदयपुर- 85
वक्फ बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी का इंतजार
गौरतलब है कि लोकसभा के बाद राज्यसभा में गुरुवार (03 अप्रैल) को चर्चा के बाद वक्फ (संशोधन) बिल को पारित कर दिया गया. इस बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि विरोध में 95 वोट डाले गए. इस बिल के पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने का इंतजार है.
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Source: IOCL
























