भरतपुर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, मंदिरों में भक्तों की उमड़ी भीड़
Krishna Janmashtami 2025छ आज देश-विदेश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है. राजस्थान के भरतपुर में मंदिरों को सजाया गया है, जहां भक्त कृष्ण जन्म का उत्सव मना रहे हैं.

देशभर में शनिवार (16 अगस्त) को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. राजस्थान के भरतपुर जिले में भी कृष्ण जन्माष्टमी पर श्रद्धालु हर्षोल्लास से कार्यक्रम आयोजित कर भगवान कृष्ण का जन्मदिन मना रहे है.
आज घर -घर में प्रकट होंगे कृष्ण जी. श्री बांकेबिहारी जी, श्री दरियाब मोहनजी,श्री टांडा मदनमोहनजी, श्री मोहनजी बुध की हाट,श्री पंचमुखी लड्डू गोपालजी, श्री राधारमण जी श्री मीठा चरणामृत सहित विभिन्न मंदिरों सहित कई प्राचीन मंदिरों में सुबह से ही हो रहे धार्मिक आयोजन और भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.
जन्माष्टमी के दिन अक्सर महिलाएं व पुरुष व्रत रखते है और कन्हैया जी के अभिषेक होने के बाद चिनामृत लेकर व्रत खोलते है या चिनामृत लेने के बाद ही कुछ पानी वगैरह ग्रहण करते हैं. मंदिरों में अभिषेक के समय भजनो पर महिला पुरुष नाच -गाकर बड़े ही हर्षोल्लास से कन्हैया का जन्मदिन मनाने में लगे हैं. बाजार में आज मावा की मिठाई की दुकानें सजाई गई है.
पंचामृत से नहलाया गया
भरतपुर जिले में कुछ प्राचीन मंदिरों आने वाली रात को 12 बजे मंदिरों में बांके बिहारी जी का अभिषेक कर जन्मोत्सव मनाया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी पर शहर के मंदिरों को आकर्षक रोशनी से खूब सजाया गया है साथ ही मंदिरों में विराजित कृष्ण राधा की मूर्तियों को दूध, दही, शहद सहित पंचामृत से नहलाया गया है व श्रृंगार कर पट बंद किये जायेंगे जो रात 12 बजे जन्म के समय पट खोलकर कान्हा के दर्शन भक्तों के लिए कराये जायेंगे और आरती का आयोजन किया जायेगा व भक्तों में प्रसाद वितरित की जाएगी.
धूमधाम से मनाया जा रहा है जन्मोत्सव
भरतपुर शहर सहित जिले के पुराने व नए लगभग 150 मंदिरों में इस उत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है. जहां दिन में भी भक्तों द्वारा आरती की जा रही है और अपने कान्हा की झलक मंदिरों में पाने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है. शहर के बाजारों में कान्हा की पोशाक ,झूला ,लड्डू - गोपाल की दुकानों पर भीड़ नजर आ रही है.
नए वस्त्र पहनाकर किया जा रहा है श्रृंगार
भरतपुर जिला चूंकि बृज क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है जहाँ बृज भाषा बोली जाती है वहां कृष्ण भगवान के प्रति लोगों में बेहद आस्था है और लोग तीस किलोमीटर दूर गोवर्धन स्थित गिरिराज पर्वत व मथुरा स्थित कृष्ण जन्म भूमि के दर्शन करने जा रहे है व पूजा अर्चना कर रहे है. मंदिरों में विराजित कृष्ण भगवान व राधा की मूर्तियों को नए वस्त्र पहनाकर श्रृंगार किया जा रहा है.
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