Rajasthan News: अभी तक नहीं भरा जोधपुर हिंसा का जख्म, जालोरी गेट पर 78 दिनों से लागू है धारा 144
Rajasthan के जोधपुर में मई में हुई हिंसा के बाद अभी तक जालोरी गेट पर धारा 144 लगी हुई है. जालोगी गेट पर पिछले 78 दिनों से धारा 144 लागू है.

Section 144 on Jalauri Gate: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला और राजस्थान का दूसरा बड़ा जिला जोधपुर में हिंसा का जख्म अभीतक नहीं भरा है. जोधपुर के जालोरी गेट चौराहे पर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद की मूर्ति लगी हुई है. पर अब लोग जब भी शहर की पहचान की जालौर गेट चौराहे से गुजरते हैं तो यह किसी पुराने जख्म की तरह उभरता है. दरअसल, यहां 2 और 3 मई को हिंसा हो गई थी जिसे कोई भी शहरवासी याद नहीं रखना चाहते हैं. इसी दिन यहां धार्मिक झंडा फहराने को लेकर एक बड़ा विवाद हो गया था. जिसके बाद पूरा शहर हिंसा की चपेट में आ गया था.
78 दिन से लागू है धारा 144
हिंसा के उस दिन धारा 144 लगाई गई थी जो अभी तक लगी हुई है. करीब 78 दिन हो चुके हैं. धारा 144 के पहले यह चौराहा झंडे और पोस्टर से लदा रहता था. यहां से गुजरने वालों को यह पता चल जाता था कि अब शहरवासी कौन सा त्यौहार मना रहे हैं. लेकिन अब इस चौराहे पर तीन पोस्ट के 80 हत्यार बंद जवान तैनात रहते हैं. 2 मई की रात को धार्मिक झंडा लगाने को लेकर असामाजिक तत्वों और बदमाशों ने पूरे शहर में दंगे की आग को भड़का दिया था.
अब इस शहर में भाईचारा फिर से तो कायम हो रहा है लेकिन आज भी दंगों की दहशत यहां देखी जा सकती है. जोधपुर के जालोरी गेट चौराहे पर 24 घंटे पुलिस आरएसी एसटीएफ के जवान राइफल के साथ तैनात रहते हैं चौराहे पर किसी प्रकार के धर्म का झंडा लगाने और कार्यक्रम करने पर पाबंदी है.
हर त्योहार पर लगाए जाते थे पोस्टर और झंडे
जालोरी गेट पर सभी समाज त्योहार पर झंडे और पोस्टर लगाते थे. दिवाली और ईद पर चौराहे की विशेष सजावट की जाती थी. किसी भी बड़ी धार्मिक रैली और आयोजन की शुरुआत भी इसी चौराहे से होती थी. चौराहे से महज 100 मीटर की दूरी पर शहर की सबसे बड़ी ईदगाह मस्जिद है तो पास ही भगवान हनुमान का मंदिर है. जोधपुर में दंगे के बाद पुलिस उपाय मुख्यालय और ज्यादा सख्त हो गया. अमित कुमार बंसल ने आदेश जारी कर जालौरी गेट सहित आठ पुलिस थाना क्षेत्र में धारा 144 लागू करते हुए कर्फ्यू लगा दिया थी. साथ ही जालोरी गेट चौराहा पर धारा 144 लगा दी गई थी. इसमें किसी भी व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी.
राजस्थान गृह विभाग के द्वारा जालोरी गेट सर्कल वाह-वाह लगी स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर कोई भी धार्मिक सामाजिक और राजनीतिक अथवा किसी संगठन संस्था समुदाय का ध्वज, निशान, प्रतीक चिन्ह फारियां नहीं लगा सकते हैं. चौराहे के बाहर और उसके अंदर किसी भी तरह की सजावट नहीं कर सकते हैं.
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Source: IOCL
























