Watch: शिकारियों के फंदे में फंसा भालू हुआ लहूलुहान, वन विभाग के शूटर ने ऐसे बचाई जान
Udaipur News: घटना आत्मा ग्राम पंचायत के कनावदा गांव के बीड़ में हुई. मामले की सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और 10 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भालू को बचा लिया गया.
Udaipur News: उदयपुर संभाग, जहां राजस्थान (Rajasthan) का सबसे बड़ा जंगल है, यहां लेपर्ड, भालू (Bear) से लेकर कई वन्यजीव रहते हैं जो आए दिन ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में दिखाई दे जाते हैं. इनको लेकर कई घटनाएं भी सामने आती हैं. कभी ये जंगली जानवर किसी को अपना शिकार बनाते हैं तो कभी खुद शिकार हो जाते हैं. यानी स्थानीय लोग भी इन्हें कभी कभार जान से मार देते हैं.
ऐसी ही एक घटना उदयपुर संभाग (Udaipur Division) के राजसमन्द जिले के ग्रामीण क्षेत्र में हुई यहां शिकारियों के फंदे में एक भालू फंस गया. अब यह फंदा किसने लगाया इसका तो पता नहीं चल सका लेकिन लोहे के फंदे में फंसने से भालू लहूलुहान हो गया. फिर शूटर ने तीन शूट कर उसकी जान बचाई.
खुद को निकालने की कोशिश में लहूलुहान हुआ बालू
यह घटना जिले की ग्राम पंचायत आत्मा के कनावदा गांव के बीड़ में हुई. ग्रामीण जब सुबह बकरियां चराने के लिए जंगल की तरफ़ पहुंचे तो उन्हें तेज भालू के चिल्लाने की तेज आवाज सुनाई दी. ग्रामीण ने जब तलाश की तो उन्हें झाड़ियों के पास एक भालू दिखाई दिया जो लोहे के जाल में फंसा हुआ था और उससे निकलने की जद्दोजहद कर रहा था. इसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. जानकारी मिलते ही वन विभाग ने अपने शूटर बुलाए और रेस्क्यू ऑपेरशन शुरू किया. 10 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार भालू को बचा लिया गया.
राजस्थान के उदयपुर संभाग के राजसमंद जिले एक ग्रामीण क्षेत्र में भालू शिकारी पिंजरे में फंसा. pic.twitter.com/DEqtrI4zmU
— vipin solanki (@vipins_abp) March 19, 2023
राजस्थान के उदयपुर संभाग के राजसमंद जिले में ग्रामीण क्षेत्र में शिकारी के पिंजरे में भालू फंसा. 10 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद में वन विभाग के शूटर ने भालू को ट्रेंकुलाइज किया. pic.twitter.com/WLH28HnS0y
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वन विभाग के शूटर ने तीन शूट कर बचाई जान
राजसमन्द डीएफओ एएन गुप्ता ने बताया कि सुबह 10 बजे बीड़े में ग्रामीण जब बकरियां चराने गए तभी ग्रामीणों ने एक भालू को फंदे में फंसा हुआ देखा. इस पर ग्रामीणों ने राजसमंद वन विभाग को सूचना दी जिससे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. वहां पहुंचकर देखा तो भालू का पांव फंदे में फंसा हुआ था. भालू अपने आप को फंदे से निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लोहे का फंदा मजबूत होने के कारण वह नहीं निकल पाया.
फंदे से खुद को निकालने की जद्दोजहद में भालू लहूलुहान हो गया. इसके बाद वन विभाग के शूटर सुरेंद्र सिंह शक्तावत ने भालू को ट्रेंकुलाइज करने के लिए गन से इंजेक्शन के 3 शूट किए. इसमें से भालू ने 2 इंजेक्शन मुंह से बाहर निकाल दिए जिससे भालू बेहोश नहीं पाया. फिर तीसरा शूट किया जिससे भालू बेहोश हो गया. बाद में पता चला कि भालू नर है और उसकी उम्र करीब 10 से 12 साल के बीच की है. भालू को बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसके पैर का उपचार हुआ.
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