Maharashtra: 'अगर हम भाई 20 साल बाद साथ आ सकते हैं तो...', राज ठाकरे का बड़ा बयान, भाषा विवाद पर भी बोले
Maharashtra News: राज ठाकरे ने बीएमसी चुनाव को लेकर पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि आपसी मतभेद भूलकर चुनावी जीत पर ध्यान दें. वहीं उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन पर भी बयान दिया.

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) अध्यक्ष राज ठाकरे ने कई दिनों से चर्चा में हैं. हाल ही में अपने प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने एक अहम बैठक आयोजित की. इस बैठक में मीडिया को कैमरे के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं थी.
बीएमसी चुनाव की तैयारियों को लेकर राज ठाकरे ने दो टूक लहजे में कहा, “अगर हम भाई 20 साल बाद साथ आ सकते हैं तो आप क्यों नहीं? आपको क्या ऐतराज है?” उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से आपसी मतभेद छोड़ने और पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरने का आह्वान किया. साथ ही मीडिया से गठबंधन को लेकर चर्चा न करने की हिदायत दी.
MNS की रणनीति पर ठाकरे की सीधी हिदायतें
बैठक में राज ठाकरे ने कई मुद्दों पर साफ निर्देश दिए हैं, जैसे आगामीबीएमसी चुनाव में मतदाता सूची पर विशेष ध्यान दिया जाए, पार्टी के कामकाज और नीतियों को आम जनता तक पहुंचाया जाए.
उन्होंने कहा कि जो नेता पार्टी या नेतृत्व पर बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें जवाब दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी से बर्ताव करना होगा, क्योंकि मनसे को मुंबई में मराठी अस्मिता की सबसे मजबूत आवाज़ माना जाता है.
मराठी लोगों की कब्र पर उद्योग नहीं बनने देंगे- राज ठाकरे
उन्होंने कहा, “अगर किसी प्रोजेक्ट का विरोध किया तो सरकार अर्बन नक्सल कहकर गिरफ़्तार कर सकती है. उद्योगों के नाम पर मराठी लोगों की ज़मीन छीनी जा रही है. योजनाओं की जानकारी सिर्फ मंत्रियों को होती है, जो पहले जमीन खरीदकर उद्योगपतियों से सौदे करते हैं.” ठाकरे ने यह भी कहा कि विकास के नाम पर जनता के मुंह पर पैसे फेंककर वोट लिया जा रहा है और यही असली ‘उद्योग’ महाराष्ट्र में फल-फूल रहा है.
मराठी अस्मिता और संयम की नीति
राज्य में कुछ दिनों से लगातार भाषा विवाद भी देखा जा रहा है जिसे लेकर राज ठाकरे ने पदाधिकारियों को मराठी भाषा और सामाजिक संयम को लेकर खास दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई मराठी सीखना चाहता है तो उसका सहयोग करें. वहीं अगर कोई सभ्य भाषा में बात कर रहा है तो उससे विवाद न करें.
साथ ही उन्होंने कहा कि उद्दंड व्यवहार का जवाब उसी स्तर पर दिया जा सकता है, लेकिन हर घटना का वीडियो न बनाएं. बेमतलब की हाथापाई से बचें और पहले समझाने का प्रयास करें.
Source: IOCL





















