महाराष्ट्र: BJP और शिंदे गुट में सबकुछ ठीक नहीं, एक दूसरे पर हावी, चढ़ा सियासी पारा
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीती इन दिनों बदलती हुई दिख रही है. कौन साथ है, यह पता कर पाना अब थोड़ा सा मुश्किल हो गया है.

शिवसेना और बीजेपी की स्थिति महाराष्ट्र की राजनीति में गठबंधन में रहकर भी विपक्ष जैसी दिख रही है. नगरपालिका और नगरपंचायत के चुनावों में दोनों पार्टियां विपक्ष से ज्यादा एक-दूसरे पर हावी हो रही है. महाराष्ट्र में एकसाथ सरकार चला रहे बीजेपी और शिवसेना के बीच मन-मुटाव चल रहा है. पालघर, अंबरनाथ, उल्हासनगर, कल्याण डोंबिवली, संभाजीनगर और अन्य जिलों से शिवसेना के कार्यकर्ता बीजेपी में जा रहे हैं.
खींचतान खुलकर सामने आने लगी
राज्य में स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के चुनाव प्रचार का तापमान बढ़ चुका है. बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप और विवादित टिप्पणियों के बीच अब महायुती में शामिल बीजेपी और शिंदे-शिवसेना के बीच भी अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आने लगी है.
एक दूसरे के खिलाफ उतारे उम्मीदवार
बीजेपी ने महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में शिंदे के कार्यकर्ताओं को संगठन में लेना शुरू किया है. इससे मामला बढ़ गया है. अब स्थानीय निकाय चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर रहे हैं. डहाणू नगरपरिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में मुकाबला सीधा बीजेपी बनाम शिंदे-शिवसेना के बीच है.
कल्याण-डोंबिवली, जो शिंदे गुट का प्रभावी क्षेत्र माना जाता है, वहां से बीजेपी ने कई पदाधिकारी अपने पाले में खींच लिए. इस पर सांसद श्रीकांत शिंदे समेत शिंदे गुट के कई नेताओं ने खुलकर नाराजगी जताई.
डिप्टी सीएम शिंदे ने अमित शाह से की थी मुलाकात
कुछ दिन पहले डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने दिल्ली जाकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. सूत्रों के अनुसार उन्होंने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की शिकायत भी की थी. जिस पर शाह ने कहा था कि हर नेता अपने-अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का ध्यान रखें. उसके बाद भी शिवसेना बीजेपी के बीच समझौता दिखाई नहीं दिया.
शिंदे गुट छोड़ बीजेपी में शामिल हुए तीन नेता
अंबरनाथ और संभाजीनगर के कार्यकर्ता शिंदे का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. BJP ने शिवसेना के तीन नेताओं को अपने साथ मिला लिया. इनमें से एक शिवसेना नेता अंबरनाथ से और दो संभाजीनगर से हैं. अंबरनाथ में जो नेता शिवसेना छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं, वह एक बिजनेसमैन हैं और पुराने शिव सैनिक रहे हैं.
रूपसिंह धाल की पहचान ज्वैलर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट के तौर पर भी रही है. यह सभी नेता महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष की मौजूदगी में शामिल हुए. दूसरी तरफ संभाजीनगर जिले में फुलंबरी नगर पंचायत के लिए शिवसेना चीफ और शिवेसना के उम्मीदवार रहे आनंदा ढोके भी बीजेपी में शामिल हो गए. संभाजीनगर में ही शिवसेना की महिला विंग की हेड शिल्पारानी वाडकर भी BJP में शामिल हो गईं.
इस बीच पालघर जिले में भी बयानबाजी देखने मिली. यहां से शिंदे गुट ने राजू माछी को उम्मीदवार बनाया है, जिनके सामने बीजेपी ने भी दमदार प्रत्याशी उतारा है. खास बात यह कि इस चुनाव में शिंदे-शिवसेना को बीजेपी को रोकने के लिए दोनोंं राष्ट्रवादी (NCP गुटों) और महायुती के कुछ अन्य घटक दलों का भी समर्थन मिला है.
इसी पृष्ठभूमि में शनिवार (22 नवंबर) को डहाणू में हुई सभा में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के स्थानीय नेतृत्व पर “अहंकार” और “एकाधिकारशाही” का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि डहाणू में अहंकारी रावण की लंका जला देंगे. इस पर सीएम फडणवीस ने करारा जवाब देते हुए कहा, "हमारा दल प्रभु श्रीराम में विश्वास रखता है और हमारे उम्मीदवार का नाम भी भरत है. अरे लंका तो हमारा भरत ही जलाएगा. किसी के कहने से क्या फर्क पड़ता है? क्योंकि हम लंका में रहते ही नहीं. हम राम के अनुयायी हैं, रावण के नहीं.”
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Source: IOCL






















