Indore: 7 साल की मासूम को 28 बार चाकू से गोदकर मारा, अब 4 महीने बाद कोर्ट ने सुनाया मृत्युदंड का फैसला
MP: पिछली सुनवाई में दोषी सद्दाम ने खुद को मेंटल पेसेंट बताते हुए सजा से बचने की कोशिश की थी, लेकिन कोर्ट के सामने उसके दांवपेंच काम नहीं आए. हत्यारे ने बच्ची को घर के बाहर से गलत नियत से उठाया था.

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में सात साल की मासूम बच्ची की हत्या करने वाले आरोपी सद्दाम को कोर्ट ने मृत्यु दंड की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिस तरह बच्ची की बर्बरतापूर्वक जघन्य तरीके से हत्या की गई है. वह उसकी क्रूर बर्बर मानसिकता को दर्शाता है. यह व्यक्ति समाज के लिए खतरा है, यह किसी भी प्रकार से दया का हकदार नहीं है.दरअसल, 23 सितंबर 2022 को इंदौर के आजाद नगर में एक सात वर्षीय बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी. इसी दौरा बुरी नियत से दोषी सद्दाम वहां आया और बच्ची को उठाकर अपने घर गणेश चौक ले गया. सद्दाम को पास में ही रहने वाली एक महिला ने देखा उसने उसका पीछा भी किया था, लेकिन सद्दाम ने बच्ची को कमरे में अपने साथ बंद कर लिया था.
वहीं आरोपी सद्दाम बच्ची को बुरी नियत से ले गया था, लेकिन महिला के देखने और बच्ची के विरोध करने के बाद सद्दाम ने पकड़े जाने के डर से बच्ची के शरीर पर चाकू से बड़ी ही बेरहमी के साथ करीब 28 वार कर उसकी हत्या करी दी थी.इसके बाद रहवासियों ने आक्रोशित होकर जमकर पथराव कर हंगामा किया था. तत्काल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी सद्दाम को हिरासत में लिया और पुलिस ने आरोपी पर आईपीसी की धारा 302, 364, 363 और पॉक्सो एक्ट के तहत करवाई की. इसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया जहां घटना की गंभीरता को देखकर कोर्ट में इस केस को फास्ट ट्रैक पर चलाया गया. इस दौरान आरोपी सद्दाम ने खुद को मानसिक रोगी बताकर बचना चाहा था. जिसे लेकर आरोपी पक्ष के वकील द्वारा आवेदन भी दिया गया था.
आरोपी ने खुद को बताया था मेंटल पेसेंट
इसमें कहा गया था कि आरोपी पहले मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती होकर अपना इलाज भी करवा चुका है, लेकिन आरोपी की यह चालाकी कोर्ट में नहीं चली. पुलिस ने इस पूरे मामले में आरोपी के सीसीटीवी फुटेज, जिस चाकू से उसने घटना को अंजाम दिया उसके फिंगर प्रिंट के साथ ही डीएनए रिपोर्ट में भी हत्या में सद्दाम के शामिल होने की पुष्टि हुई. इन्हीं सब साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई. बता दें कि पूरा मामला 23-09-2022 का आजाद नगर क्षेत्र का है और पूरे ही मामले में पुलिस ने विभिन्न तरह के सबूत कोर्ट के सामने रखे. कोर्ट ने इस पूरे मामले में विभिन्न तरह के सबूतों के आधार पर न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा की कोर्ट ने फैसला सुनाया है. जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा की अदालत ने सात वर्षीय मासूम के हत्या के आरोपी सद्दाम को दोषी करार दिया.
इन धाराओं में मिली सजा
कोर्ट ने आरोपी को धारा 302 आईपीसी में मृत्युदंड और धारा 364 आईपीसी में आजीवन कारावास 363 आईपीसी और 9एम/10 पॉक्सो एक्ट में 7-7 वर्ष की जेल और 342 आईपीसी में एक साल का सश्रम कारावास के साथ कुल 9 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. कोर्ट के सामने अभियोजन ने कुल 23 गवाहों को पेश किया गया था. इस केस में कोर्ट ने 12 वर्षीय बालक की गवाही को महत्वपूर्ण माना है जो कि बच्ची की फूफी का लड़का है और तब वह उसके साथ था. उसने सद्दाम को बालिका की हत्या करते हुए देखा था. गौरतलब है कि जिस तरह से कोर्ट ने आरोपी को सख्त सजा से दण्डित किया वह अभी तक का सब से तेज फैसला कोर्ट के द्वारा दिया गया है. घटना के साढ़े चार महीने हाद ही कोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई कर फैसला सुना दिया.
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