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MP Fraud Case: सरकारी योजना की सब्सिडी लेकर बसों को बेचा, डिप्टी कलेक्टर सहित कई पर एफआईआर दर्ज
MP News: पीएम आवास योजना की राशि में भ्रष्टाचार के बाद अब परिवहन के लिए खरीदी गई सब्सिडी की बसों में हेराफेरी का मामला सामने आया है.
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MP Fraud Case: सरकार के अमृत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को परिवहन की सुविधा मुहैया कराने के लिए बसों पर 40% तक की सब्सिडी दी गई थी मगर सब्सिडी लेने के बाद बसों को बेच देने का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा बसों के रूट भी परिवर्तित कर दिए गए. इस पूरे मामले में लोकायुक्त पुलिस ने डिप्टी कलेक्टर सहित कई अधिकारियों और ट्रांसपोर्ट के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
उज्जैन लोकायुक्त में पदस्थ डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि अमृत मिशन के तहत देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड द्वारा टेंडर के क्लस्टर 2, 3 और 4 पर बसों के संचालन हेतु निविदाएं मंगवाई गई थी. इस तीनों क्लस्टर को विश्वास ट्रांसपोर्ट ने प्राप्त किया.
विश्वास ट्रांसपोर्ट द्वारा साल 2022 में 3 बसों को बेच दिया गया
इसके तहत 39 बच्चों को 7 साल के लिए अनुबंधित किया गया था. बसों के क्रय करने के लिए 35 से 40% के आसपास सब्सिडी भी दी गई. विश्वास ट्रांसपोर्ट द्वारा साल 2022 में 3 बसों को बेच दिया गया.
इसके बाद 1 साल तक नई बसों को नहीं खरीदा गया. इस पूरे मामले में देवास ट्रांसपोर्ट सिटी सर्विस के सीईओ प्रदीप सोनी, सीईओ सूर्य प्रकाश तिवारी, विश्वास ट्रांसपोर्ट के डायरेक्टर विजय गोस्वामी प्रणब गोस्वामी की मिलीभगत पाई गई, जिसके चलते चारों के खिलाफ धारा 409, 420, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है. लोकायुक्त डीएसपी के मुताबिक प्रदीप सोनी डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं जबकि सूर्य प्रकाश तिवारी संविदा आधार पर नगर निगम देवास कार्यरत है.
स्पेयर में रखने वाली बसों को अवैध रूप से चलाया
टेंडर की शर्तों के मुताबिक तीन बच्चों को स्पेयर में रखा जाना था लेकिन इन बसों को परमिट लेकर टूर, पिकनिक, शादी आदि पर चलाकर अनुचित लाभ कमाया गया, जोकि शर्तों का उल्लंघन था. इसके अलावा बसों को भी गलत रूट पर चलाकर अनुचित लाभ कमाया गया. इस मिशन के तहत बसों को ऐसे रूठ पर चलाए जाना था, जहां पर ग्रामीणों को परिवहन को लेकर असुविधा होती थी लेकिन बिना अनुमति के इन बसों को प्रमुख मार्गों पर चला दिया गया. इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों से अनुमति भी नहीं ली गई जबकि देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ प्रदीप सोनी और सीओओ सूर्य प्रकाश तिवारी ने अनुमति भी दे दी.
पीएम आवास योजना के मामले में भी दर्ज हो चुकी है एफआईआर
देवास में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी दुरुपयोग का मामला लोकायुक्त पुलिस दर्ज कर चुकी है. इसके बाद एक और मामला सामने आया है. यह मामला भी पूरी तरह भ्रष्टाचार का है.
लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान के मुताबिक शुजालपुर, देवास से विजयगंज मंडी होते हुए उज्जैन जैसे पिछड़े हुए इलाकों में बसों को चलाया जाना था लेकिन ट्रांसपोर्टर ने अधिकारियों की मिलीभगत के चलते बसों को सीधे देवास से उज्जैन और अन्य प्रमुख मार्गों पर चला दिया. इसके अलावा पुरानी बसों को बिना कारण बेच दिया और नई बसों को नहीं खरीदा. यह मामला भी करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का है.
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