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MP News: मकर संक्रांति से पहले CM यादव के निर्देश पर एक्शन में प्रशासन, शिप्रा नदी में गंदा पानी रोकने लिए किया ये खास काम
Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा. सीएम के निर्देश पर उज्जैन प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. मकर संक्रांति पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ता है.
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Makar Sankranti 2024 in Ujjain : धार्मिक नगरी उज्जैन में मकर संक्रांति पर्व के स्नान को लेकर व्यापक पैमाने पर तैयारी की जा रही है. खास तौर पर इस बार कान्ह नदी का दूषित जल शिप्रा नदी में मिलने से रोक दिया गया है. इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर ताबड़तोड़ अस्थाई डैम भी बना दिया गया है. अब नर्मदा का जल शिप्रा नदी में छोड़कर श्रद्धालुओं को मकर संक्रांति पर्व का स्नान कराया जाएगा.
उज्जैन में नवग्रह मंदिर त्रिवेणी पर मकर संक्रांति का स्नान होता है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर तीन नदियों का संगम है जो अदृश्य रूप से यहां मिलती हैं. इंदौर से आने वाली कान्ह नदी का जल शिप्रा में मिलने से रोक दिया गया है. बताया जाता है कि कान्ह नदी के जरिए केमिकल युक्त पानी शिप्रा नदी में मिल रहा था, जिससे शिप्रा नदी का जल दूषित हो रहा है और इसका दूषित जल लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है.
इंदौर में 9 फैक्ट्री की गई सील
इसी कारण नदी में मिलने वाले केमिकल को रोकने के लिए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर की 9 फैक्ट्री को बंद करने के आदेश जारी किए हैं. कान्ह नदी पर उज्जैन जिला प्रशासन के माध्यम से अस्थाई बांध भी बना दिया गया है. आने वाले समय में इस पर स्थाई बांध बनाए जाने की भी योजना है. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह खुद मकर संक्रांति के स्नान को लेकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वे लगातार शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर भी रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.
शिप्रा नदी पर उमड़ता है जनसैलाब
नवग्रह मंदिर के पुजारी पंडित जितेन्द्र बैरागी के मुताबिक "मकर संक्रांति पर्व पर शिप्रा नदी में स्नान का विशेष महत्व है. उत्तर वाहिनी शिप्रा नदी में स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. ऐसी मान्यता है कि त्रिवेणी संगम पर कान्ह नदी और शिप्रा के अलावा गंगा अदृश्य रूप से यहां मिलती है, इसलिए त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का विशेष महत्व है."
शिप्रा में नर्मदा से छोड़ा जाएगा पानी
यहां पर शनिचरी अमावस्या पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं. इस बार जिला प्रशासन द्वारा शिप्रा नदी में अशुद्ध जल मिलने से रोका जा रहा है. मकर संक्रांति स्नान के लिए शिप्रा नदी में नर्मदा का जल भी छोड़ा जाएगा. जिससे श्रद्धालुओं को अपनी आस्था को पूरी करने में किसी तरह का व्यवधान न हो.
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