हजारों ट्रक और सड़ रहे सेब...आखिर 21 दिनों बाद खुला श्रीनगर-जम्मू हाईवे
Srinagar Jammu National Highway: भारी वाहनों के लिए बुधवार को श्रीनगर-जम्मू हाईवे खोल दिया गया. इससे लोगों को बड़ी राहत मिली. दरअसल, हजारों की संख्या में ट्रक हाईवे पर फंसे थे.

जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बुधवार (17 सितंबर) को राहत की सांस ली. श्रीनगर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले एकमात्र नेशनल हाईवे 44 को तीन सप्ताह के बाद भारी वाहनों के लिए खोल दिया गया. इससे हजारों फलों से लदे ट्रकों को देशभर में अपने मंजिल की ओर रवाना होने का रास्ता साफ हो गया.
कश्मीर से फलों से लदे ट्रक भारी बारिश और बाढ़ के कारण राजमार्ग बंद होने से कई दिनों तक फंसे रहे. 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच44) पिछले हफ्ते भी खोला गया था, लेकिन केवल हल्के वाहन को ही अनुमति दी गई थी.

क्यों बंद करना पड़ा था नेशनल हाईवे?
पिछले महीने लगातार बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण राजमार्ग को भारी नुकसान हुआ था, जिसके चलते सड़क को बंद करना पड़ा. हाईवे भारी वाहनों के लिए बंद होने से फल उत्पादकों में यह आशंका पैदा हो गई थी कि इस साल की फसल देश के टर्मिनल बाजारों तक नहीं पहुंच पाएगी. अधिकारियों ने घाटी से फल बाहर ले जाने के लिए मुगल रोड का इस्तेमाल किया.
ट्रैफिक-ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रवींद्र सिंह कहा कि हमारा लक्ष्य फलों से लदे अधिक से अधिक फंसे हुए वाहनों को निकालना है. उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर फंसे सभी वाहन और फल मंडियों में इंतजार कर रहे वाहन प्राथमिकता के आधार पर निकाले जाएंगे.

रवींद्र सिंह ने कहा, ''चालकों को भारी वाहनों की आवाजाही के संबंध में यातायात परामर्श का पालन करना चाहिए और राजमार्ग पर ओवरटेकिंग से बचना चाहिए. यातायात नियमों का उल्लंघन दुर्घटनाओं को जन्म दे सकता है, जिससे सड़क अवरुद्ध हो सकती है.''
कई दिनों तक सेबों के ट्रक हाईवे पर खड़े रहने से फल सड़ रहे थे. ट्रक संचालकों और स्थानीय किसानों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किए. सेब के पीक सीजन में नेशनल हाईवे बंद होने से किसानों में आक्रोश था.

सोमवार को ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नेशनल हाईवे बंद होने को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि हाईवे केंद्र का विषय है, उनसे अगर नहीं संभल रहा है तो राज्य को सौंप दें. मैं बदहाली को लेकर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात करूंगा.
इसके बाद मंगलवार को उमर अब्दुल्ला ने नितिन गडकरी के साथ बैठक की. बैठक के बाद गडकरी ने कहा, ''दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एनएच-44 की स्थिति पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. लगातार बारिश और बड़े भूस्खलन के बावजूद, एनएचएआई की टीमें इस महत्वपूर्ण राजमार्ग को चालू रखने के लिए निरंतर मेहनत कर रही हैं.''
Chaired a review meeting on the status of NH-44 with Chief Minister of J&K, Shri @OmarAbdullah Ji, and senior officers of the UT Administration in Delhi today.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 16, 2025
Despite relentless rains and a major hill slide, NHAI teams are working tirelessly to keep this key highway… pic.twitter.com/HtSuZSzMKI
उन्होंने कहा, ''दो लेन का अस्थायी डायवर्जन बनाया गया है और यातायात फिर से शुरू हो गया है. एक दर्जन से अधिक खुदाई करने वाली मशीनें और 50+ अर्थमूवर चौबीसों घंटे सफाई और मरम्मत के लिए तैनात हैंय हम इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग को जल्द से जल्द पूरी क्षमता के साथ बहाल करने के लिए संकल्पित हैं, ताकि सभी सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित हो सके.''
Source: IOCL

























