'आतंक का इकोसिस्टम होगा खत्म', पीड़ित परिवारों को LG मनोज सिन्हा ने बांटे नियुक्ति पत्र
Jammu-Kashmir News: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंक के इकोसिस्टम को खत्म करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि सरकार आतंक पीड़ित परिवारों को न्याय, नौकरी और सम्मान देने के अपने वादे पर पूरी तरह कायम है.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने के संकल्प को दोहराया. उन्होंने कहा है कि सरकार टेरर इकोसिस्टम के खिलाफ लड़ते हुए आतंकवाद से प्रभावित परिवारों को न्याय, नौकरी और सम्मान देने के अपने कमिटमेंट को कभी नहीं भूलेगी. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के असली शिकार लोगों को उनका हक दिलाना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी.
शनिवार (13 दिसंबर) को श्रीनगर के लोक भवन ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान LG मनोज सिन्हा ने आतंकवाद का शिकार हुए परिवारों के सदस्यों को नियुक्ति पत्र सौंपे.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है और हर संभव तरीके से उनकी मदद करती रहेगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रशासन किसी भी परिवार को अकेला नहीं छोड़ेगा.
13 महीने पहले शुरू हुई पहल
LG ने बताया कि आतंकवाद से प्रभावित परिवारों को सरकारी नौकरी देने की यह पहल करीब 13 महीने पहले शुरू हुई थी. उस समय कश्मीर संभाग के कुछ पीड़ित परिवार उनसे मिले थे और उन्होंने अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए थे.
मनोज सिन्हा ने कहा, “उनकी कहानियों ने मुझे बहुत प्रभावित किया और हमने पुनर्वास के लिए असली मामलों की पहचान करने और उन्हें सरकारी नौकरी देने का फैसला किया.”
पिछली सरकारों पर तीखा हमला
अपने संबोधन में LG मनोज सिन्हा ने पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि पहले आतंकवाद के असली शिकार लोगों को नजरअंदाज किया गया और आतंकियों का महिमामंडन किया गया.
उन्होंने कहा, “यह एक दर्दनाक उलझन है कि कभी आतंकवादियों के जनाज़ों को बड़ा दिखाया जाता था, जबकि असली पीड़ितों को भुला दिया जाता था. हम यह नाइंसाफ़ी जारी नहीं रहने देंगे.”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो लोग आज भी आतंकवाद को बढ़ावा देने या उसे सही ठहराने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सैकड़ों परिवारों को मिल चुकी है नौकरी
LG ने जानकारी दी कि शनिवार के कार्यक्रम में कश्मीर संभाग के 39 परिवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए. इससे पहले जम्मू संभाग में 41 आतंक प्रभावित परिवारों को ऐसे ही नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं.
इसके अलावा हाल ही में हुए नौगाम ब्लास्ट से प्रभावित नौ परिवारों को भी शुक्रवार शाम को जॉब लेटर दिए गए. उन्होंने बताया कि अकेले इस साल अब तक 200 से ज्यादा आतंकवाद प्रभावित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है.
मनोज सिन्हा ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि आतंकवाद के वर्षों के दौरान पीड़ितों और उनके परिवारों से जो संपत्ति छीनी गई थी, उसे उनके असली मालिकों को वापस दिलाया जाएगा.
उन्होंने कहा, “हम यह पक्का कर रहे हैं कि कोई भी काबिल परिवार पीछे न छूटे. जिन मामलों में FIR दर्ज नहीं की गई, उनकी भी जांच की जाएगी और न्याय मिलेगा.”
टेरर इकोसिस्टम पर सख्ती
LG ने कहा कि दशकों तक आतंकवाद से सच में प्रभावित लोग चुपचाप दर्द झेलते रहे, जबकि आतंक के इकोसिस्टम से जुड़े लोगों ने इसका गलत फायदा उठाया. उन्होंने कहा, “एक समय था जब बेगुनाह आम लोग मारे जा रहे थे, लेकिन आतंक का इकोसिस्टम फल-फूल रहा था. आतंकवाद से सहानुभूति रखने वालों को खास अधिकार मिले हुए थे.”
उन्होंने बताया कि पिछले 5 सालों में आतंकवाद से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कई सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है और संस्थाओं को आतंक के असर से साफ करने की प्रक्रिया लगातार जारी है.
उन्होंने कहा, “झूठी बातें फैलाने और आतंकवाद में मदद करने वाले हर व्यक्ति की पहचान की जाएगी और उसे सज़ा दी जाएगी.”
आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर का संकल्प
अपने संबोधन में LG मनोज सिन्हा ने दोहराया कि प्रशासन जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद और उसके पूरे इकोसिस्टम से आजाद कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि किसी भी रूप में आतंकवाद का समर्थन करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शांति बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है कि किसी भी परिवार को फिर से ऐसी तकलीफ न झेलनी पड़े.
LG ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में पुनर्वास की प्रक्रिया को तेज किया गया है. उन्होंने कहा, “पहले कुछ परिवारों को मदद के लिए दशकों इंतजार करना पड़ता था. अब हम समय पर मदद सुनिश्चित कर रहे हैं. यह सिर्फ मदद नहीं है, यह उनके बलिदान के लिए हमारी श्रद्धांजलि है.”
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Source: IOCL























