जम्मू-कश्मीर में बाढ़ का कहर, 150 की मौत, करोड़ों का नुकसान, केंद्र सरकार से मदद की गुहार
Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में अगस्त और सितंबर की बाढ़ और बादल फटने से 150 मौतें और 33 लापता हो गए. कृषि व बागवानी को भारी नुकसान हुआ. गृह मंत्री शाह और राजनाथ सिंह ने दौरा किया.

जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा है कि अगस्त और सितंबर में जम्मू-कश्मीर में आई अचानक आई बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में 150 लोगों की जान चली गई, 33 लोग लापता हो गए और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, किश्तवाड़ जले में सबसे ज्यादा मौतें हुईं, जहां 33 लोग अभी भी लापता हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पूरे क्षेत्र में कुल 150 लोगों की जान चली गई, 178 लोग घायल हुए और 13,600 से ज्यादा घर पूरी तरह, गंभीर रूप से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
नुकसान को कम करने के लिए केंद्र सरकार से और मदद मांगी जा रही
आंकड़ों के अनुसार, कश्मीर घाटी में 864 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें से 16 पूरी तरह, 57 गंभीर रूप से और 791 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए. अधिकारियों ने कहा है कि इन सभी मामलों में राहत राशि वितरित की जा चुकी है, लेकिन नुकसान को कम करने के लिए केंद्र सरकार से और मदद मांगी जा रही है.
कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है, 12,500 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है और लगभग 315 हेक्टेयर बागवानी भूमि को नुकसान पहुंचा है. अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा जिलों में बागवान मुख्य रूप से प्रभावित हुए हैं, जहां लगभग 59 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाढ़ प्रभावित जम्मू का दौरा किया
जम्मू में 12,800 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 4,200 घर पूरी तरह से और 8,600 से ज्यादा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि सरकार से जम्मू संभाग के 8,800 स्कूलों का सुरक्षा ऑडिट कराने के बाद 758 घरों को असुरक्षित घोषित किया गया है. आंकड़ों से पता चला है कि जम्मू संभाग के उधमपुर और जम्मू जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के तुरंत बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 31 अगस्त को जम्मू पहुंचे थे और बाढ़ प्रभावित जम्मू का दौरा किया था और पीड़ितों को राहत एवं पुनर्वास का आश्वासन दिया था.
1500 किलोमीटर से ज्यादा सड़कें नष्ट हो गई
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन ने क्षेत्र के 42,000 किलोमीटर लंबे सड़क नेटवर्क में से लगभग 12,000 किलोमीटर को नुकसान पहुंचाया है, जिसमें जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के कुछ हिस्से भी शामिल हैं. 330 से ज्यादा पुल बह गए हैं और 1500 किलोमीटर से ज्यादा सड़कें नष्ट हो गई हैं.
शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति का आकलन करने के लिए जम्मू क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का दौरा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित दौरा टला
गृह मंत्री के दौरे से पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिसोती गांव में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए जम्मू का दौरा किया था.
जम्मू-कश्मीर सरकार को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे के दौरान राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी, लेकिन यह दौरा टल गया.
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Source: IOCL























