जम्मू कश्मीर कोर्ट का नायाब फैसला, नशे के 2 आरोपियों को सुनाई सामुदायिक सेवा की सजा
Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक भारतीय न्याय संहिता में निहित कानूनों के तहत सजा का यह प्रावधान छोटे अपराधों के लिए पुनर्वास और सामुदायिक भागीदारी पर जोर देता है.

Jammu Kashmir Latest News: जम्मू-कश्मीर की एक अदालत ने दो लोगों के खिलाफ आरोप सही साबित होने पर ऐसी सजा सुनाई है, जिसे सुनकर आपको अजूबा लगेगा. अजूबा इसलिए कि जिन लोगोंं को सजा सुनाई गई है, उन पर पुलिस ने पब्लिक प्लेस पर नशा कर हुड़दंग मचाने का आरोप लगाया था.
जम्मू-कश्मीर की अदालत ने ये सजा नए अपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता) के तहत दोनों आरोपियों को सुनाई है.
जम्मू पुलिस के मुताबिक 22 जनवरी 2025 को झज्जर के कोटली थाना क्षेत्र में दो लोगों को नशे में धुत पाया था. नशे में धुत दोनों अपराधी पब्लिक प्लेस पर हुड़दंग मचा रहे थे. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था. साथ ही भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.
जम्मू पुलिस ने दोंनो को मेडिकल जांच कराने के बाद चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था. पुलिस ने इन दोनों अपराधियों की पहचान पप्पू और अनुज कुमार के रूप में की है.
जानें- अदालत ने क्यों सुनाई ऐसी सजा?
इस मामले में सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को कोई पारंपरिक सजा देने के बजाय अदालत इन्हें सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है. अदालत ने पप्पू को झज्जर कोटली के पब्लिक पार्क में सुबह 9 बजे से रात 12 बजे तक काम करने को कहा है. वहीं, दूसरे आरोपी अनुज कुमार को सुबह 9 बजे से रात 12 बजे तक कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में काम करने की सजा सुनाई है.
जम्मू पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक नए आपराधिक कानूनों के तहत सजा का यह प्रावधान छोटे अपराधों के लिए पुनर्वास और सामुदायिक भागीदारी पर जोर देता है. इसका मकसद ऐसे मामलों में आरोपियों के मन में गलती का अहसास कराने के बाद सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है.
बता दें कि जम्मू कश्मीर में पब्लिक प्लेस पर नशा करने और शोर मचाने के आरोपियों को सामुदायिक सेवा की सजा सुनाना जम्मू-कश्मीर और देश के लोगों के लिए अपने आप में नया मामला है.
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