Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बजट सत्र के दौरान कानून व्यवस्था से जुड़े सवाल नहीं कर बाएंगे विधायक, क्या है वजह?
Jammu-Kashmir Budget Session: जम्मू कश्मीर विधानसभा में कोई भी विधायक पुलिस और कानून व्यवस्था से जुड़े सवाल नहीं कर पाएगा. विधानसभा में कानून व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े मामलों पर बहस भी नहीं होगी.

Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का पहला बजट सत्र जम्मू में मार्च में प्रस्तावित है. इस बजट सत्र में कोई भी विधायक जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पुलिस और कानून व्यवस्था से जुड़े सवाल नहीं पूछ पाएंगे. दरअसल जम्मू-कश्मीर में पुलिस और गृह विभाग केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है. इसलिए ऐसा करने किसी भी विधायक और जनप्रतिनिधि की लिए संभव नहीं है.
मार्च में शुरू होने वाले बजट सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक तैयारी में जुटे हैं. इस सत्र में लोगों से जुड़े हुए मामलों पर कौन से सवाल उठाए जाएं और कौन से नहीं इस पर विधायक तैयारियां कर रहे हैं. लेकिन, यह विधायक विधानसभा में पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवाल नहीं कर पाएंगे.
कानून व्यवस्था पर बहस असंभव
इसके साथ ही कानून व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े मामलों पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बहस भी नहीं हो पाएगी. लेकिन, अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर किसी भी विशेष परिस्थिति में इसकी अनुमति दें तो यह बहस हो सकती है. वहीं जम्मू-कश्मीर सरकार को विधेयक और प्रस्ताव को लेकर उपराज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी.
गृह मंत्रालय के अधीन है जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था
जम्मू-कश्मीर में संविधान विशेषज्ञ कहते हैं कि किसी भी राज्य में राज्य की अंदरुनी सुरक्षा का जिम्मा पूरी तरह से राज्य सरकार का होता है. लेकिन, अब क्योंकि जम्मू-कश्मीर राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, ऐसे में किसी भी केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा पूरी तरह से केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास होती है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास सुरक्षा होने से पुलिस के कामकाज में स्थानीय राजनेताओं का हस्तक्षेप बंद हो जाता है. यही वजह है कि दिल्ली में भी पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है.
ये भी पढ़ें: Rajouri Mysterious Deaths: राजौरी में हुई 17 रहस्यमयी मौतों का खुल गया राज, इसकी वजह से गई लोगों की जान!
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























