पुर्तगाल जाने के सपने में फंसा गुजरात का परिवार, लीबिया में दंपती और मासूम बेटी का अपहरण, फिरौती में मांगे 2 करोड़ रुपये
Gujarat Couple Kidnapped in Libya: किस्मत सिंह का भाई पुर्तगाल में रहता है. उसी के जरिए यह परिवार वहां बसने की योजना बना रहा था. इसके लिए उन्होंने पुर्तगाल में बैठे एक एजेंट की मदद ली थी.

गुजरात के मेहसाणा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. पुर्तगाल में बसने का सपना लेकर निकले एक दंपती और उनकी तीन साल की बेटी को लीबिया में अगवा कर लिया गया. अपहरणकर्ताओं ने परिवार की रिहाई के बदले दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है. घटना के बाद परिवार के परिजनों में चिंता और दहशत का माहौल है.
मेहसाणा के बादलपुरा गांव का है परिवार
मेहसाणा पुलिस के अनुसार, अपहृत परिवार जिले के बादलपुरा गांव का रहने वाला है. अपहरण का शिकार हुए लोगों की पहचान किस्मतसिंह चावड़ा, उनकी पत्नी हीनाबेन और तीन वर्षीय बेटी देवांशी के रूप में हुई है.
पुर्तगाल जाने की थी योजना
पुलिस अधीक्षक हिमांशु सोलंकी ने बताया कि किस्मत सिंह का भाई पुर्तगाल में रहता है. उसी के जरिए यह परिवार वहां बसने की योजना बना रहा था. इसके लिए उन्होंने पुर्तगाल में बैठे एक एजेंट की मदद ली थी. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में शामिल एजेंट भारतीय नहीं हैं.
अहमदाबाद से दुबई, फिर लीबिया
जानकारी के अनुसार, परिवार 29 नवंबर को अहमदाबाद से दुबई के लिए रवाना हुआ था. इसके बाद उन्हें लीबिया के बेनगाजी शहर ले जाया गया, जहां कथित तौर पर उनका अपहरण कर लिया गया.
दो करोड़ रुपये की फिरौती की मांग
अधिकारियों ने बताया कि अपहरण के बाद बदमाशों ने मेहसाणा में रह रहे परिवार के रिश्तेदारों से संपर्क किया और दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. इसके बाद परिजनों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई.
प्रशासन और विदेश मंत्रालय को दी गई जानकारी
मेहसाणा के जिलाधिकारी एस. के. प्रजापति ने बताया कि शुक्रवार को चावड़ा परिवार के परिजन उनसे मिले थे. इसके बाद राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय को पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले को स्थानीय विधायक सी. जे. चावड़ा ने भी राज्य और केंद्र सरकार के सामने उठाया है, ताकि परिवार की सुरक्षित वापसी के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके.
परिजनों को सुरक्षित वापसी की उम्मीद
फिलहाल परिवार के परिजन प्रशासन और सरकार की मदद से अपने प्रियजनों की सुरक्षित रिहाई का इंतजार कर रहे हैं. मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का होने के कारण सभी की नजरें केंद्र सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं.
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Source: IOCL























