मेनका गांधी बोलीं, 'दिल्ली में एक भी शेल्टर नहीं, 3 लाख कुत्तों को कहां डालेंगे, ये नामुमकिन है'
Stray Dogs In Delhi: मेनका गांधी ने बताया कि शेल्टर का असल नाम पाउंड होता है. एक पाउंड बनाने में चार से पांच करोड़ रुपये लगते हैं.

एनिमल राइट एक्टिविस्ट और बीजेपी की पूर्व सांसद मेनका गांधी ने कहा कि दिल्ली में एक भी शेल्टर नहीं हैं, तीन लाख कुत्तों को कहां डालेंगे. उनका बयान सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर आया जिसमें आवारा कुत्तों को डॉग शेल्टर में रखने के आदेश दिए. एक शेल्टर (पाउंड) बनाने में चार-पांच करोड़ रुपये लेंगे. उन्होंने कहा कि ये नामुमकिन है.
शेल्टर वहां बनाने पड़ेंगे जहां कोई रहता न हो- मेनका गांधी
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में मेनका गांधी ने सोमवार (11 अगस्त) को कहा कि दिल्ली सरकार के पहले तो शेल्टर बनाने होंगे. उन्होंने कहा कि शेल्टर का असल नाम 'पाउंड' होता है. तीन लाख कुत्तों के लिए तीन हजार पाउंड बनाने पड़ेंगे. वो भी वहां बनाने पड़ेंगे जहां कोई रहता नहीं है. क्योंकि एक कॉलोनी के अंदर आप बना नहीं सकते.
तीन हजार एकड़ जमीन लगेगी- मेनका गांधी
इसके आगे उन्होंने कहा कि पाउंड की दीवारें बड़ी होनी चाहिए. इसके लिए कम से कम एक एकड़ जगह चाहिए. तीन हजार एकड़ ऐसी जमीन खोजनी होगी जहां एक भी लोग न हों.
क्या 5 करोड़ रुपये हर हफ्ते खर्च करने के लिए तैयार हैं- मेनका गांधी
पूर्व सांसद ने कहा कि सफाई के लिए डेढ़ लाख लोगों को काम पर रखना पड़ेगा. 200 कुत्ते अगर एक जगह हैं तो गंदगी तो करेंगे ही. इन गंदगी को कौन साफ करेगा. वॉचमैन रखना होगा. इन कुत्तों के लिए खाना बनाने के लिए किसी को रखना होगा. अगर आपने गलती से ये बना भी लिए तो ये बताएं कि आप करोड़ रुपये हर हफ्ते खर्च करने के लिए तैयार हैं.
कुत्ते गए तो हर बगीचे में बंदर घूम रहे होंगे- मेनका गांधी
दिल्ली में बहुत खाना है. अगर दिल्ली के तीन लाख कुत्तों को पकड़ लिया गया तो बाहर से कुत्ते आएंगे. आज दिल्ली में कुत्तों के डर से बंदर पेड़ों के नीचे नहीं उतरते हैं. जिस दिन कुत्ते गए, हर बगीचे में बंदर घूम रहे होंगे. ये पेरिस में 1880 में हुआ था. जब उन्होंने सारे कुत्ते-बिल्लियों को मार डाला था. एक हफ्ते के अंदर-अंदर उस शहर में कोई नहीं रह सकता था क्योंकि सारे नालों में चूहे भर गए थे. इसके बाद उन्हें फिर से कुत्ते और बिल्लियों को लाना पड़ा.
जैसे राजा बोलता है, वैसा फैसला है- मेनका गांधी
पूर्व सांसद ने कहा कि हर चीज का अपना महत्व होता है. ये कहना कि सारे कुत्तों को एक पाउंड में डालो ये तो कोई राजा जैसे बोलता है वैसा फैसला है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























