पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे एल्विश यादव, HIBOX ऐप मामले दिल्ली पुलिस भेजेगी दूसरा नोटिस
Elvish Yadav News: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने एल्विश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था. HIBOX एक मोबाइल एप्लिकेशन है जो बड़ी साजिश के तहत धोखाधड़ी का हिस्सा थी.
HIBOX APP Case Update: HIBOX नाम की ऐप के जरिए हुई 500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में यूट्यूबर एल्विश यादव पुलिस की पूछताछ में शामिल नहीं हुए. दिल्ली पुलिस जल्द ही एल्विश यादव को दूसरा नोटिस भेजेगी. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने एल्विश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वो नहीं आए.
पुलिस ने यूट्यूबर्स या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स अभिषेक मल्हान @ फुकरा इंसान, एल्विश यादव, लक्षय चौधरी और पुरव झा को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किए थे. इस मामले में पुलिस को 151 शिकायतें मिली थी और करीब 500 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई.
क्या है HIBOX APP मामला?
HIBOX एक मोबाइल एप्लिकेशन है जो बड़ी साजिश के तहत धोखाधड़ी का हिस्सा थी. इस ऐप के माध्यम से, 'HIBOX' ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स की मदद से मासूम लोगों को ऐप में निवेश करने के लिए प्रेरित किया. आरोपी निवेशकों को 1% से 5% की दैनिक गारंटीड रिटर्न का लालच देता था, जो 30 फीसदी से 90% मासिक हो जाता था.
शिकायतों में क्या हैं आरोप?
IFSO यूनिट को 16 अगस्त 2024 को 29 शिकायतें मिली थी. शिकायत में आरोप लगाया गया कि कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स जैसे सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान @ फुकरा इंसान, पुरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया, लक्षय चौधरी, आदर्श सिंह, अमित @ क्रेज़ी XYZ और दिलराज सिंह रावत @ इंडियन हैकर ने HIBOX एप्लिकेशन को प्रमोट किया और निवेशकों को इस एप्पलीकेशन में पैसे लगाने के लिए प्रेरित किया.
20 अगस्त 2024 को थाना स्पेशल सेल में मामला दर्ज किया गया. FIR की जांच के दौरान ये सामने आया कि HIBOX के खिलाफ साइबर थाना दिल्ली के नार्थ ईस्ट जिले में एक मामला पहले से दर्ज था. इस मामले में 09 पीड़ितों के साथ इसी तरह की धोखाधड़ी की गई थी. इस मामले की जांच भी IFSO को सौंपी गई. जांच जब आगे बढ़ाई गई तो NCRP पोर्टल पर इसी तरह की धोखाधड़ी के 488 और मामले भी लिंक किए गए.
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की. जिन बैंक खातों में एप्लिकेशन के जरिए पैसे पहुंचे थे उनकी डिटेल ली गई. जांच के दौरान सामने आया कि EASEBUZZ और PhonePe के जरिए निवेशकों के पैसों को अकाउंट तक पहुंचाया गया.
चार बैंक अकाउंट की पहचान की गई, जिसका इस्तेमाल धोखाधड़ी की रकम निकलने के लिए किया गया था. टेक्निकल सर्विलांस के जरिए आरोपी की पहचान की गई और जे. शिवराम को गिरफ्तार किया गया. जांच में सामने आया कि 18 करोड़ रुपये इन अकाउंट्स से आगे भेजे गए थे.
कैसे की गई धोखाधड़ी?
जांच में सामने आया कि आरोपी जे. शिवराज ने निवेशकों की 18 करोड़ रुपये की रकम सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के चार बैंक खातों में जमा की थी. आरोपी ने चेन्नई, तमिलनाडु के न्यू वॉशरमेनपेट में स्थित ऑफिस स्पेस को सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लीज पर लिया था वहीं से धोखाधड़ी का ये खेल खेला जा रहा था.
इस मामले में EASEBUZZ और PhonePe की भूमिका की जांच की जा रही है, क्योंकि HIBOX चलाने वाले धोखेबाजों के मर्चेंट खातों को, EASEBUZZ और PhonePe ने बिना सत्यापन प्रक्रिया के और RBI के नियमों को दरकिनार कर वर्चुअली खोला गया था. जिसमे EASEBUZZ और PhonePe के कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता और इस संबंध में जांच जारी है.
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