DUSU चुनाव इस बार है बेहद खास, 17 साल बाद हो सकता है महिला नेतृत्व, प्रत्याशी घोषित
DUSU Election 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी में चुनावी बिगुल बज चुका है और सभी छात्र संघों एबीवीपी, एनएसयूआई और AISA-SFI ने डूसू पैनल के लिए अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है.

इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव कई मायनों में खास होने जा रहा है. वहीं 17 साल बाद डूसू में महिला नेतृत्व देखने को मिल सकता है क्योंकि दो छात्र संघों में इस बार अध्यक्ष पद की दौड़ में महिला प्रत्याशी हैं.
दरअसल, तीन में से दो छात्र संघों ने महिला प्रत्याशी को अध्यक्ष पद के लिए नामित किया है. जिससे इस बाद का डूसू चुनाव ऐतिहासिक बनने की ओर अग्रसर नजर आ रहा है. 2008 के बाद यह पहला मौका है जब महिला उम्मीदवार अध्यक्ष पद की दौड़ में मजबूती से उतरी हैं. इससे इस बार डूसू पैनल को महिला अध्यक्ष मिलने की संभावना भी बढ़ गयी है.
एनएसयूआई ने जोसलीन पर लगाया दांव
एनएसयूआई ने अपने पैनल में अध्यक्ष पद के लिए जोसलीन नंदिता चौधरी का नाम घोषित किया है. संगठन का मानना है कि यह कदम महिला नेतृत्व को सशक्त बनाने और छात्र राजनीति को नई दिशा देने की कोशिश है. वहीं, उपाध्यक्ष पद के लिए राहुल झाँसला, सचिव के लिए कबीर और संयुक्त सचिव पड़ के लिए लवकुश भड़ाना को प्रत्याशी बनाया गया है.
एबीवीपी के पैनल में भी महिला उम्मीदवार
वहीं, एबीवीपी ने भी अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. अध्यक्ष पद के लिए आर्यन मान को उतारा गया है. उपाध्यक्ष पद के लिए गोविंद तंवर, सचिव के लिए कुनाल चौधरी और संयुक्त सचिव पद के लिए दीपिका झा को प्रत्याशी बनाया गया है. इस पैनल में महिला प्रतिनिधित्व संयुक्त सचिव पद पर नजर आ रहा है.
महिला नेतृत्व के साथ SFI-AISA की एंट्री
SFI-AISA गठबंधन ने भी इस बार दमदार पैनल उतारा है. सबसे खास बात यह है कि अध्यक्ष पद की उम्मीदवार यहां भी महिला हैं – अंजलि, जो पिछले कई वर्षों से DU में छात्र आंदोलनों की अगुवाई करती रही हैं. अंजलि ने DU को फिर से खोलने के आंदोलन (2022), महिला छात्रावास की मांग, IPCW में यौन उत्पीड़न के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन, और बाढ़ राहत कार्यों तक हर मोर्चे पर सक्रिय भूमिका निभाई है. उनके साथ पैनल में शामिल हैं उपाध्यक्ष सोहन कुमार यादव, सचिव अभिनंदना प्रत्याशी और संयुक्त सचिव अभिषेक कुमार.
17 साल बाद महिला अध्यक्ष की प्रबल संभावना
गौरतलब है कि, 2008 के बाद अब तक DUSU में कोई महिला अध्यक्ष नहीं बनी. लेकिन इस बार तस्वीर बदलती दिख रही है. एनएसयूआई की जोसलीन और SFI-AISA की अंजलि दोनों ही अध्यक्ष पद के लिए सीधी टक्कर में हैं. वहीं एबीवीपी ने संयुक्त सचिव पद पर दीपिका झा को मौका देकर महिला प्रतिनिधित्व दर्ज कराया है. इस बार डूसू चुनाव महिला नेतृत्व की वापसी और छात्र राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है.
वहीं इस बार यूनिवर्सिटी कैंपस में गंदगी फैलाने को लेकर डीयू प्रशासन द्वारा तमाम तरह की पाबंदियों के बाद यह चुनाव ईको फ्रेंडली चुनाव के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. उधर प्रत्याशियों के लिए एक लाख रुपये के बॉन्ड की अनिवार्यता ने भी डूसू चुनाव को काफी हाईलाइट कर दिया.
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Source: IOCL























