Delhi AQI: दिल्ली–NCR में जानलेवा हवा बरकरार! 8 साल में सबसे कम AQI फिर भी खतरा क्यों नहीं खत्म हुआ?
Delhi AQI News: दिल्ली की वायु गुणवत्ता अब भी जानलेवा बनी हुई है. नए आंकड़े बढ़ते प्रदूषण की चिंता बढ़ा रहे हैं. वहीं CAQM के आंकड़ो की मानें तो पिछले 8 सालों में इस साल प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है.

दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है और हवा अब भी जहरीली बनी हुई है. वायु की गुणवत्ता इतनी खराब है कि लोगों का बाहर सैर पर जाना भी जानलेवा बना हुआ है. सोमवार सुबह (1 दिसंबर) के जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 370 दर्ज हुआ जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है.
वहीं एनसीआर की स्थिति इससे भी खराब रही, नोएडा में AQI 397, गाजियाबाद में 395 और ग्रेटर नोएडा में सबसे अधिक 407 रिकॉर्ड किया गया. उत्तर भारत के अन्य प्रमुख शहरों में भी प्रदूषण गंभीर है, लखनऊ में AQI 346, देहरादून में 165 ‘मध्यम’ स्तर पर दर्ज किया गया है.
पिछले 8 सालों में कम रहा इस साल का प्रदूषण
वहीं वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के आंकड़ों के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता में इस साल बड़ी राहत दर्ज की गई है, जहां जनवरी से नवंबर 2025 के बीच औसत AQI 8 सालों में सबसे कम रिकॉर्ड किया गया है, यदि 2020 के लॉकडाउन साल को छोड़ दिया जाए. एएनआई के अनुसार, इस अवधि में AQI औसत 187 रहा, गंभीर प्रदूषण वाले दिनों की संख्या घटी और PM2.5 व PM10 जैसे खतरनाक प्रदूषकों के स्तर में स्पष्ट कमी आई. यह नतीजा राजधानी के प्रदूषण संकट में लंबे समय बाद दिखाई देने वाली सकारात्मक संकेत दिखाता है.
सीजनल ट्रेंड बेहतर, गंभीर प्रदूषण दिन घटे
दिल्ली के औसत AQI में लगातार सुधार देखने को मिला है, जहां 2025 में यह घटकर 187 तक पहुंच गया जबकि 2024 में 201, 2023 में 190, 2022 में 199, 2021 में 197, 2019 में 203 और 2018 में 213 दर्ज हुआ था. इस वर्ष अब तक केवल 3 दिन AQI 400 के पार गया जबकि 2024 में यह संख्या 11 और 2023 में 12 थी, वहीं एक भी दिन ‘Severe+’ (450+) श्रेणी में नहीं पहुंचा जो दिल्ली की सर्दियों में बहुत बड़ी बात मानी जा रही है.
सर्द हवाओं ने अस्थायी राहत दी, ठंड बढ़ी
पिछले सप्ताह तेज उत्तर-पश्चिमी हवाओं ने 24 दिनों तक जारी 300+ AQI की लगातार श्रेणी तोड़ते हुए शहर को हल्की राहत दी. 29 नवंबर को AQI गिरकर 279 पर आ गया जबकि न्यूनतम तापमान 8.3°C तक पहुंच गया जिससे हवा की गति में तेजी ने प्रदूषण को बिखेरने में मदद की.
मौसम विज्ञान विभाग का आकलन के अनुसार, अगले 3 दिनों तक मध्यम हवाओं के जारी रहने की संभावना है साथ ही बड़े प्रदूषण स्रोत सक्रिय होने पर AQI फिर से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जाने की आशंका बनी हुई है. वहीं ठंड बढ़ने व हवा की गति धीमी होने पर स्मॉग लौट सकता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि मौसमी राहत अस्थायी है और असली चुनौती नवंबर-दिसंबर की चरम सर्दियों में सामने आएगी जब प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ने लगता है.
नीतिगत फैसले, राजनीतिक आरोप और भविष्य की चुनौती
CAQM ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP में बड़ा परिवर्तन किया है, जिसमें Stage-IV प्रतिबंधों को Stage-III में शामिल कर दिया गया है जिससे अब राज्य सरकार प्रदूषण बढ़ते ही तुरंत वर्क-फ्रॉम-होम लागू कर सकती है और निर्माण कार्यों को सीमित कर सकती है. दूसरी ओर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि “500–700 के वास्तविक प्रदूषण स्तर को 300–400 दिखाया गया ताकि आवश्यक प्रतिबंध लागू न करने पड़ें.”
Source: IOCL
























