दिल्ली में हाईटेक लोन फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड समेत पांच गिरफ्तार
Delhi News: दिल्ली पुलिस ने एक हाईटेक लोन फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसमें 11.95 लाख रुपये की ठगी हुई. मास्टरमाइंड सहित पांच साइबर ठग गिरफ्तार किए गए हैं.

तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के बीच दिल्ली की साइबर पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए एक हाईटेक लोन फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह लोगों के बैंक खातों में प्री-अप्रूव्ड लोन ट्रांसफर कर लाखों रुपये हड़प रहा था. दक्षिण-पश्चिम जिले की साइबर पुलिस ने 11.95 लाख रुपये के इस स्कैम में शामिल मास्टरमाइंड समेत पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है.
उनकी पहचान मास्टरमाइंड हिमांशु कुमार गौतम (26 वर्ष), हेमराज गुर्जर (21 वर्ष), राज स्वामी (22 वर्ष), आसिफ अली (26 वर्ष) और सचिन (28 वर्ष) के रूप में हुई है. ये सभी दिल्ली और राजस्थान के रहने वाले हैं. उनके पास से पुलिस ने 8 स्मार्टफोन भी बरामद किए हैं जो इस साइबर ठगी की वारदात में इस्तेमाल किए गए थे.
क्रेडिट कार्ड रिवार्ड पॉइंट्स के नाम पर ठगी
डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक, यह मामला तब सामने आया जब पालम निवासी एक महिला को खुद को एक नामी बैंक का अधिकारी बताने वाले व्यक्ति का फोन आया. कॉलर ने महिला को क्रेडिट कार्ड रिवार्ड पॉइंट्स रिडीम करने का झांसा देकर उनके मोबाइल पर आए OTP का हासिल कर लिया. जिसके बाद तुरंत ही महिला के बैंक खाते में 11.95 लाख रुपये का प्री-अप्रूव्ड लोन ट्रांसफर हुआ. जिसे बाद में फर्जी खातों में भेज दिया गया. पीड़ित महिला की शिकायत पर साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई.
डीसीपी ने कहा, मामले की गंभीरता को देखते हुए ACP विजय पाल सिंह तोमर और SHO प्रवेश कौशिक की देखरेख में SI जगदीप नारा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें HC हरेंदर, HC प्रवीण, HC विनोद और कॉन्स्टेबल विकास शामिल थे. टीम ने तकनीकी जांच, CCTV फुटेज और डिजिटल फुटप्रिंट की मदद से सबसे पहले हेमराज गुर्जर और राज स्वामी को विशाल एंक्लेव, दिल्ली से दबोचा . दोनों आरोपी म्यूल अकाउंट्स (फर्जी बैंक खातों) के ज़रिए ठगी का पैसा निकालते थे.
आगे की जांच में पुलिस ने वॉट्सऐप चैट, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स और ट्रांजेक्शन ट्रेल्स खंगाले. इससे पुलिस आसिफ अली तक पहुंची, जिसने स्वीकार किया कि वह गैंग को म्यूल अकाउंट्स की व्यवस्था और टेस्टिंग में मदद करता था. फिर सचिन को गुलाब बाग, उत्तम नगर से गिरफ्तार किया गया. उसकी निशानदेही पर पुलिस मास्टरमाइंड हिमांशु कुमार गौतम तक पहुंची जो खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों से OTP हासिल करता और उनके नाम पर लोन डिस्बर्स करता था.
ऐसे चलता था पूरा साइबर ठगी का खेल
इस गैंग का मास्टरमाइंड हिमांशु खुद को फाइनेंशियल एग्जीक्यूटिव बताकर लोगों को झांसे में लेता था. सचिन म्यूल अकाउंट्स की व्यवस्था करता था ताकि पैसों का ट्रांसफर आसानी से हो सके. हेमराज अपने खाते से एटीएम के ज़रिए पैसे निकालता था और राज स्वामी एवं आसिफ अली को देता था. आसिफ अली अलग-अलग लोगों के अकाउंट्स जुटाकर इन्हें गिरोह को उपलब्ध कराता था.
इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच में जुट गई है ताकि इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके.
एक OTP उड़ा सकती है आपकी मेहनत की कमाई
साइबर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करें. बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन कभी भी OTP या व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगते. अगर किसी को भी इस तरह की कॉल या ठगी का शक हो, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें.
Source: IOCL






















