Chhattisgarh News: बस्तर में खरीदी केंद्रों की लापरवाही, ढाई महीने बाद भी नहीं हुआ 15 लाख क्विंटल धान का उठाव
धान खरीदी को बंद हुए ढाई महीने हो चुके हैं. मगर बस्तर के खरीदी केंद्रों में अब भी लाखों क्विंटल धान खुले आसमान में हैं. धान खरीदी केंद्रों की लापरवाही से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो सकता है.

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में धान खरीदी केंद्रों की लापरवाही उजागर हुई है. धान खरीदी को बंद हुए ढाई महीने हो चुके हैं. मगर बस्तर के खरीदी केंद्रों में अब भी लाखों क्विंटल धान खुले आसमान में पड़े हुए हैं. गौरतलब है कि बस्तर का मौसम पिछले 10 दिनों से बदल रहा है. मौसम में बदलाव के कारण हो रही बारिश से धान खराब होने की पूरी आशंका बन गई है. तीन संग्रहण केंद्रों में करीब 15 लाख क्विंटल धान डीएमओ की लापरवाही के कारण खुले में पड़ा हुआ है.
सरकार को उठाना पड़ सकता है करोड़ों का नुकसान
बस्तर के अलावा संभाग के कई जिलों में भी यही हाल है. डीएमओ की लापरवाही से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी बीते 7 फरवरी को ही बंद हो गई था. लेकिन ढाई महीने बीतने के बाद भी खरीदी केंद्रों से धान का उठाव अब तक पूरा नहीं हो पाया है. माकफेर्ड ने ट्रांसपोर्टर्स को धान उठाव की जिम्मेदारी दी थी. खरीदी केंद्र में 8 हजार क्विंटल धान बचे रहने के बाद ट्रांसपोर्टस ने उठाव बंद कर दिया. इधर संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव नहीं होने के कारण खरीदी प्रभारी भी नाराज हैं.
खरीदी केंद्रों की लापरवाही से खराब हो सकते हैं धान
संग्रहण केंद्रों में धान को सुरक्षित रखने के लिए तय मापदंड के हिसाब से व्यवस्था नहीं की गई है. इस साल जिले के तीनों संग्रहण केंद्र में 15 लाख 38 हजार 856 क्विंटल धान रखा गया है. अब तक मिलर्स ने 1 लाख 13 हजार क्विंटल धान ही उठाया है. धान को सूखती के असर से सुरक्षित रखने के लिए माकफ्रेड ने संग्रहण केंद्र में धान को रखवाने पर 50 लाख रुपए खर्च किये हैं, बावजूद इसके धान के सही रखरखाव पर संबंधित अधिकारी भी पूरी तरह से लापरवाह रहे हैं. ऐसे में बस्तर में बारिश से लाखों क्विंटल धान के खराब होने की भी पूरी आशंका बनी हुई है. मामले में बस्तर कलेक्टर रजत बंसल का कहना है कि जिले में खुले आसमान के नीचे पड़े धान को जल्द से जल्द उठाव के लिए राज्य शासन को पत्र लिखा गया है. साथ ही सभी केंद्र के अधिकारियों को धान ढकने के लिए पर्याप्त मात्रा में तालपत्री की व्यवस्था करने को भी कहा गया है.
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