गांधी आश्रम में प्रशांत किशोर का मौन सत्याग्रह, जन सुराज ने किया जनसमर्थन का आह्वान
Prashant Kishor: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर आज भितिहरवा गांधी आश्रम में सुबह 9 बजे से मौन उपवास करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने लोगों से शामिल होकर आंदोलन को मजबूत करने की अपील की.

जन सुराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए बताया कि पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर आज महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का एक नया उदाहरण प्रस्तुत करने जा रहे हैं.
मनोज भारती ने कहा कि प्रशांत किशोर 20 नवंबर 2025, गुरुवार को पश्चिम चंपारण स्थित ऐतिहासिक भितिहरवा गांधी आश्रम में सुबह 9 बजे से मौन उपवास पर बैठेंगे.
बिहारवासियों से अपील
— Manoj Bharti (@ManojBhartiJSP) November 19, 2025
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर जी गांधी जी के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का एक और उदाहरण स्थापित करने जा रहे हैं।
20 नवंबर 2025 (गुरुवार) को वे गांधी आश्रम, भितिहरवा, पश्चिम चंपारण में मौन उपवास पर बैठेंगे।
समय: सुबह 09:00 बजे से… pic.twitter.com/WvsQKxcU38
बिहार के लिए एक सकारात्मक संदेश है मौन उपवास- मनोज भारती
मनोज भारती ने इस उपवास को जन सुराज आंदोलन की विचारधारा का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने जहां कभी सत्याग्रह का बिगुल फूंका था, उसी पवित्र स्थान पर प्रशांत किशोर मौन साधकर समाज और राजनीति में संवाद, शांति और नैतिकता की जरूरत को रेखांकित करेंगे. उन्होंने कहा कि मौन उपवास किसी व्यक्ति विरोध का नहीं, बल्कि एक सकारात्मक संदेश है कि राजनीति में शोर नहीं, संकल्प महत्वपूर्ण होता है.
जनता की भागीदारी पर टिका है जन सुराज का आंदोलन- मनोज
प्रदेश अध्यक्ष ने अपने संदेश में बिहार के सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने की अपील की. उन्होंने कहा कि जन सुराज का आंदोलन जनता की भागीदारी पर टिका है और जितनी बड़ी संख्या में लोग इस शांतिपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होंगे, उतना ही यह संदेश दूर-दूर तक जाएगा कि बिहार एक नई राजनीतिक संस्कृति की ओर बढ़ रहा है.
शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से होगा कार्यक्रम- भारती
मनोज भारती ने यह भी उल्लेख किया कि भितिहरवा महात्मा गांधी के प्रारंभिक सत्याग्रह स्थलों में से एक है, जहां उन्होंने चंपारण आंदोलन के दौरान किसानों की पीड़ा को समझने के बाद अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहली बड़ी लड़ाई लड़ी थी. ऐसे ऐतिहासिक स्थल पर मौन उपवास का आयोजन यह दर्शाता है कि जन सुराज पार्टी राजनीति में वैचारिक और नैतिक आधार को पुनर्जीवित करना चाहती है.
जन सुराज की ओर से बताया गया है कि उपवास के दौरान कोई भाषण, नारे या राजनीतिक घोषणाएं नहीं होंगी. कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से होगा, जहां लोग सिर्फ अपनी उपस्थिति के माध्यम से जन जागरण और परिवर्तन का संकेत देंगे.
अंत में मनोज भारती ने दोहराया कि यह अवसर केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए नहीं, बल्कि हर उस नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है जो बिहार में पारदर्शी, जिम्मेदार और जन-केंद्रित राजनीति की उम्मीद रखता है. उन्होंने कहा कि सहभागिता ही आंदोलन की ताकत है और लोगों की मौजूदगी इस संकल्प को और मजबूत करेगी.
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Source: IOCL





















