Parliament Session: 'नेहरू ने वंदे मातरम के टुकड़े..', राज्यसभा में विपक्ष पर बरसे Amit Shah |
Hindi News: अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम के महिमा मंडन को कुछ लोग बंगाल चुनाव से जोड़कर उसका महत्व कम करना चाहते हैं. बंकिम बाबू बंगाल में पैदा हुए, वहीं रचना हुई. जब वंदे मातरम का प्रकटीकरण हुआ, तब दुनिया भर में ये फैल गया था. वंदे मातरम की दोनों सदनों में चर्चा से, महिमामंडन से, वंदे मातरम के गौरव गान से बच्चे, किशोर और युवा वंदे मातरम के महत्व को समझेंगी. उसे राष्ट्र के पुनर्निमाण का आधार भी बनाएगी. अमित शाह ने कहा कि भारत माता की संतानें मानते हैं कि ये देश जमीन का टुकड़ा नहीं, हम उसे मां के रूप में देखते हैं. मातृभूमि से ज्यादा कुछ नहीं हो सकता. इस पुरातन भाव को बंकिम बाबू ने पुनर्जीवित किया. महर्षि अरविंद ने वंदे मातरम को गीत नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति को जगाने वाला बताया. भारत की सनातन शक्ति को पुनर्जीवित करने का मंत्र है वंदे मातरम. वंदे मातरम की गान की चर्चा को टालने की मानसकिता कांग्रेस की है. जब वंदे मातरम के पचास साल हुए, देश आजाद नहीं था. स्वर्ण जयंती 1937 में हुई, तब जवाहर लाल नेहरू ने इसके दो टुकड़े कर दिए और दो अंतरों तक सीमित कर दिया.
























