Exclusive: बिहार का मुख्यमंत्री बनने के सवाल का डिप्टी CM सुशील ने दिया क्या जवाब, जानिए यहां.......
राज्य में रोजगार और पलायन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल और गुजरात के लोग बाहर क्यों जाते हैं ? बाहर जाना गुनाह नहीं है. बेहतर करने के लिए कोई कहीं भी जा सकता है. इसे पलायन नहीं कह सकते हैं. माइग्रेंट्स खुश हैं.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सभी पार्टियां अपने-अपने कार्यकाल में किये गए काम को गिनवाने में लगी हुईं हैं. इसी क्रम में सोमवार को बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने एबीपी न्यूज से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने आगामी चुनाव को लेकर चर्चा की, वहीं विपक्ष पर भी हमला बोला. वहीं वो बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी क्यूं नहीं करते के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये मीडिया नहीं बल्कि पार्टी तय करती है कि किसे चुनाव में सीएम का चेहरा कौन होगा. हमारी आपस में कोई लड़ाई नहीं है.
बिहार को नींव से बनाया है
उन्होंने बताया कि इस बार का चुनाव लालूवाद और विकासवाद की लड़ाई है. हमने राम राज का वादा नहीं किया, लेकिन जो कहा सो किया. हमने बिहार को नींव से बनाया है.15 साल में हमने बहुत काम किया. अब 50 साल की चीज को ठीक करने में मेहनत और वक्त लगता है.
चुनाव से पहले चुनावी घोषणा क्यों ?
इस सवाल पर सुशील मोदी ने कहा कि जो पीएम नरेंद्र मोदी के पैकेज की बात करते हैं. उन्हें राजीव गांधी पैकेज के बारे में भी सोचना चाहिए.1989 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी बिहार आए और 5700 करोड़ की घोषणा की और चुनाव हार गए फिर कुछ भी याद नहीं रहा.
युवा सरकार के सामने कितने फिट ?
सुशील मोदी ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी युवा थे. अगर युवा हैं तो आईआरसीटीसी घोटाले की चार्जशीट कैसे फाइल हो गई? मकान कहां से आ गए? जमीन कहां आ गयी. केवल युवा होने से क्रेडिबिलिटी नहीं आती. लोगों को काम चाहिए.
पीएम मोदी का नाम या नीतीश का काम बड़ा?
इस सवाल पर सुशील मोदी ने कहा, " बिहार में दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. आजादी के बाद पहला मौका है जब केंद्र इतना मेहनत और सहयोग कर रहा है. 21 लाख से ज्यादा लोगों को मोदी सरकार ने घर तक पहुंचा दिया. ऐसे में दोनों के बीच कोई टकराहट और प्रतिस्पर्धा नहीं.
बाहर जाना कोई गुनाह नहीं
राज्य में रोजगार और पलायन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल और गुजरात के लोग बाहर क्यों जाते हैं ? बाहर जाना गुनाह नहीं है. बेहतर करने के लिए कोई कहीं भी जा सकता है. इसे पलायन नहीं कह सकते हैं. माइग्रेंट्स खुश हैं. कोरोना, बाढ़, बिजली का मुद्दा खत्म हो चुका है. ये सब मुद्दा नहीं है. इतने अनाज मिले कि छः महीने तक घर बैठ सकते हैं.
स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से है बेहतर
इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा हिम्मत है तो जवाब दे कि बीस से ज्यादा संपत्ति को क्यों जब्त किया? वहीं सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था खराब क्यों है के सवाल पर उन्होंने कहा स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से बेहतर है. आज ऑक्सीजन और पीपीई किट की दिक्कत नहीं है. अब इस तरह की दिक्कत नहीं है, जिन्होंने 45 साल राज किया अगर स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक किया होता तो हमें नींव से सब शुरू नहीं करना होता.
बीजेपी बिहार में बड़ा भाई क्यों नहीं ?
बिहार में बीजेपी की भूमिका पर उन्होंने हमारा चेहरा नीतीश कुमार हैं. बीजेपी और जेडीयू बिहार में साथ है लेकिन सीट जेडीयू के पास ज्यादा है. बात बड़े भाई या छोटे भाई की नहीं है बात काम की है. चिराग पासवान की पार्टी एनडीए का हिस्सा हैं.
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