Bihar News: बिहार के इस गांव में ज्यादातर लोग चोर, अपराध करने के लिए चले आते हैं पटना, SSP ने बताई कहानी
Village of Crime: पटना पुलिस ने आठ अपराधियों को गिरफ्तार किया है जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ है. इनके पास से आभूषण और नकद बरामद किए गए हैं.
पटना: बिहार में एक ऐसा गांव है जहां के ज्यादातर लोगों का चोरी करने का इतिहास रहा है. ये चोरी करने के लिए पटना आ जाते हैं. सबसे बड़ी बात है कि इसमें एक ही परिवार के कई लोग भी शामिल होते हैं. सोमवार को पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. वहीं आठ अपराधियों को गिरफ्तार भी किया गया. इसमें एक 72 साल का बुजुर्ग भी शामिल है.
एसएससी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कांड का खुलासा करते हुए कहा कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों के पास से चोरी के लगभग ढाई सौ ग्राम सोना के आभूषण, 12 किलो चांदी के आभूषण, एक कार, एक कट्टा, चोरी करने के औजार और 50 हजार नकद बरामद किए गए हैं. एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि 22 मई को फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र में एक आभूषण दुकान में चोरी हुई थी. उसके बाद जुलाई में भी अगम कुआं थाना क्षेत्र में आभूषण दुकान में चोरी हुई थी. पुलिस यह समझ चुकी थी कि जो भी घटना हो रही है सबके मास्टरमाइंड एक ही हैं. पुलिस ने तफ्तीश शुरू की और आज पुलिस को सफलता मिल गई.
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चोरी करने का तरीका जान उड़ जाएंगे होश
गिरफ्तार हुए आठ चोर में पांच चोर पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया नगर थाना स्थित बसवरिया गांव के रहने वाले हैं. इसमें 72 वर्षीय अली अहमद उर्फ इंजीनियर साहब और उसका बेटा मोहम्मद शाहरुख उर्फ डब्ल्यू मियां भी पकड़े गए हैं. दोनों रिश्ते में बाप बेटे हैं. एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि बेतिया के बसबरिया गांव में अधिकांश लोगों का चोरी करने का इतिहास है जिसमें कई लोग एक ही परिवार के रहते हैं और मिलकर चोरी करते हैं. एसएससी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि अली अहमद को मरीज बनाकर अपने परिवार के रूप में गिरोह के सदस्य को लेकर रात में निकलता था और पटना आता था. रास्ते में पुलिस अधिकारी अगर उनसे पूछते भी थे तो वह डॉक्टर का पुर्जा दिखा कर खांसते हुए बोलता था कि "मुझे दमा है मैं अस्पताल जा रहा हूं."
एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह के साथ शाहरुख भी रहता था और अपना आईडी दिखाता था कि मेरे पिताजी हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस के द्वारा वह छोड़ दिए जाते थे. इसके बाद वे चोरी की घटना को अंजाम देते थे. पटना में मुख्य भूमिका निभाने वाला अंजनी कुमार वैशाली जिले का रहने वाला है. वह लाइनर का काम करता था. पुलिस ने बताया कि पहले वह पटना में दो-तीन दिन के लिए किराए पर रहता था और दुकानों की रेकी करता था. दुकानों की तस्वीर लेता था और वीडियो भी बनाता था. दुकान के ताले का भी फोटो लेता था और एक ताले के चार से पांच चाभी बनाए जाते थे.
यह भी बताया गया कि ज्यादातर ये लोग बारिश होने पर घटना को अंजाम देते थे. अंजनी के पास से छह वीडियो मिले हैं. इन जगहों पर चोरी की घटना को अंजाम देना था, लेकिन उससे पहले ही वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया. इसके अलावा राजीव नगर से और दानापुर से दो आभूषण खरीदार भी गिरफ्तार किए गए हैं.
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