बिहार: स्पेशल ब्रांच के SP के व्यवहार से नाराज होकर महिला इंस्पेक्टर ने VRS के लिए लिखा पत्र, कहा- परेशान हो गई हूं
मामले को बिहार पुलिस एसोसिएशन ने गंभीरता से लिया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, " पुलिस निरीक्षक अंशु कुमारी ने फ़ोन पर उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी दी. यह घटना काफी ही गंभीर है."
पटना: सीनियर इंस्पेक्टर अजय सिंह के बाद अब बिहार पुलिस के स्पेशल ब्रांच के एसपी (ए) दीपक वर्णवाल के खिलाफ महिला इंस्पेक्टर सामने आई हैं. ये मामला और भी गंभीर है. महिला इंस्पेक्टर अंशु कुमारी ने एसपी पर विभागीय कार्रवाई के दौरान मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. महिला इंस्पेक्टर एसपी के व्यवहार से इतनी परेशान हो गई हैं कि उन्होंने रिटायरमेंट से नौ साल पहले ही विभाग को वोलंटरी रिटायरमेंट के लिए पत्र लिखा है और जल्द से उन्हें वीआरएस दे देने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, महिला इंस्पेक्टर पर साल 2012 के एक मामले में विभागीय कार्रवाई चल रही है. इस कार्रवाई के संचालन प्रभारी एसपी (ए) दीपक वर्णवाल हैं. अंशु का आरोप है कि कार्रवाई के दौरान एसपी (ए) काफी परेशान करते हैं. साथ ही असंसदीय भाषा का भी प्रयोग करते हैं. उनके इस व्यवहार से उनसे साथ ही उनका पूरा परिवार परेशान और दुखी है.
बड़े डॉक्टर की बीवी हैं अंशु
अंशु ने कहा, " दीपक वर्णवाल बड़े अधिकारी हैं और महिलाकर्मी होकर मैं उनसे लड़ नहीं सकती. साथ बेईज़्ज़त और जलील होकर काम भी नहीं कर सकती. ऐसे में मैंने चुपचाप वीआरएस लेने का फैसला लिया और इस बाबत 26 जुलाई, 2021 को ही बेगूसराय के एसपी को एक पत्र लिखा. पत्र की कॉपी डीजीपी, आईजी हेडक्वार्टर और बेगूसराय के डीआईजी को भेज दी गई थी. लेकिन फिर शुक्रवार को सीनियर इंस्पेक्टर अजय सिंह का मामला सामने आया, जिसके बाद मुझमें हिम्मत मिली और मैंने सारी बातें सबके सामने रख दीं." बता दे कि अंशु पटना के एक बड़े डॉक्टर की बीवी हैं. पहले वो पुलिस विशेष शाखा में ही पदस्थापित थी. बीते दिनों उनका तबादला बेगूसराय हुआ था.
इधर, इस पूरे मामले को बिहार पुलिस एसोसिएशन ने गंभीरता से लिया है. इस संबंध में एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा, " पुलिस निरीक्षक अंशु कुमारी ने फ़ोन पर उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी दी. यह घटना काफी ही गंभीर है. एक महिला पुलिस इंस्पेक्टर के साथ इस तरह का अभद्र व्यवहार करना, जिससे मजबूरन उसे वीआरएस के लिए आवेदन देना पड़े, काफ़ी गंभीर और पहला मामला है. इस गम्भीर मुद्दों को बिहार पुलिस एसोसिएशन का शिष्टमंडल पुलिस मुख्यालय और सरकार में रखेगा."
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