बिहार: स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा- लगातार बढ़ रही है कोरोना जांच की संख्या, जल्द ही अनुमंडल अस्पतालों में भी होंगे टेस्ट
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने स्वास्थय विभाग की समीक्षा बैठक में अनुमंडलीय अस्पतालों में भी जल्द कोरोना सैंपल के कलेक्शन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
पटना: बिहार में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार मेहनत कर रही है. हर बैठक में सीएम नीतीश कुमार राज्य में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने का निर्देश दे रहे हैं. इसी क्रम में अब अनुमंडल अस्पतालों में भी कोरोना सैंपल लेने की व्यवस्था हो रही है.
मंगलवार को कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि अनुमंडलीय अस्पतालों में भी जल्द कोरोना सैंपल के कलेक्शन की व्यवस्था की जाए, ताकि गांव से जुड़े लोगों को इसका भरपूर लाभ मिल सके और ग्रामीण सुविधाजनक तरीके से स्थानीय स्तर पर जांच का लाभ उठा सके.
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि रैपिड एन्टीजन टेस्ट किट का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर इसकी कमी महसूस नहीं हो. समीक्षा बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 100-100 आइसोलशन बेड जल्द से जल्द तैयार किए जाएं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस विपदा की घड़ी में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. बिहार में कोरोना जांच की संख्या रोजाना बढ़ रही है और यह दस हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है. मंत्री ने निर्देश दिया है कि जांच की इस संख्या को न केवल बरकरार रखा जाए, बल्कि इसको और ज्यादा बढ़ाया जाए.
मंगल पांडेय ने बताया कि रैपिड एन्टीजन टेस्ट किट जिससे, आधे घंटे में जांच की सुविधा होती है, ऐसे 40 हजार किट सूबे के अलग-अलग अस्पतालों में पहुंच गए हैं और जांच प्रक्रिया जारी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि कोरोना से बचाव के लिए सतर्क रहना और सावधानी बरतना जरूरी है. अगर कोई यह सोचता है कि उसे यह बीमारी नहीं होगी और यह सोचकर कोई असावधानी करता है तो यह उसकी भूल है. इसलिए मास्क लगाने, एक दूसरे से दूरी बनाए रखने और बेवजह बाहर नहीं निकलना, इस बीमारी से बचने का प्रमुख उपाय है.
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को भरोसा दिया कि कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. बिहार में कोरोना संक्रमण की दर राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है. आइसोलेशन सेंटर पर नजर रखने के लिए निगरानी दल का गठन किया गया है, जो उस सेंटर की पूरी व्यवस्था पर नजर रखेगा.
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